कृषि मण्डियों में एक हफ्ते से काम ठप : आटा मिल व मसाला उद्योगों में भी हड़ताल जारी, मांगे नहीं मानने पर व्यापारियों में रोष
करीब दस हजार करोड़ के व्यापारिक टर्नऑवर का नुकसान हो चुका
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा बंद के आह्वान पर मण्डियों में एक हफ्ते से कामकाज ठप पड़ा है।
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा बंद के आह्वान पर मण्डियों में एक हफ्ते से कामकाज ठप पड़ा है। राजधानी कृषि उपज मण्डी, कुकर खेड़ा में एक व्यापारियों की प्रदेशव्यापी आम सभा होगी। मण्डी व्यापारियों, दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल, व मसाला उद्योग के व्यापारी भाग लेंगे। सरकार द्वारा मांगे नहीं मानी जाने के कारण भारी रोष प्रकट किया। करीब दस हजार करोड़ के व्यापारिक टर्नऑवर का नुकसान हो चुका है। जिस पर उपस्थित व्यपारियों ने चिंता जाहिर की और कहा कि व्यापारी, मुनीम, गुमास्ते, पल्लेदार बेरोजगार है और प्रदेश में उपभोक्ता खाद्य सामग्री की किल्लत का सामना कर रहे हैं। मण्डियों के बन्द होने के कारण आने वाले समय में यदि प्रदेश में खाद्य किल्लत की स्थिति ज्यादा बिगड़ती है, तो यह सरकार की जिम्मेवारी होगी।
राजस्थान की सभी मण्डियों में धरने-प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं, के समाचार प्राप्त हुए हैं। व्यापारी राज्य सरकार को ज्ञापन भेजकर निवेदन कर रहे हैं कि हमारी मांगें शीघ्र माने जिससे मण्डियों में व्यापार गति पकड़े। व्यापारी, किसान और उपभोक्ता सभी लाभान्वित हों और मजदूरों को रोजगार मिलें।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के प्रांतीय स्तर के पदाधिकारी प्रदेश के मंत्रियों से मिलकर समस्याओं के समाधान का निवेदन कर रहे हैं जिस पर मंत्रिपरिषद के सदस्यों का सकारात्मक रुख सामने आ रहा है। और संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन में के यहां से भी राजस्थान संघ के प्रतिनिधिमण्डल को बुलाया जा सकता है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि मण्डी व्यापारियों, दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल व मसाला उद्योग की माँग है कि कृषक कल्याण फीस समाप्त की जायें, राज्य से बाहर अन्य राज्यों में कृषि मण्डी शुल्क चुकाने के बाद राज्य में आने वाले कृषि जिन्सों पर पुनः कृषि मण्डी शुल्क तथा कृषक कल्याण फीस नहीं लिया जायें। मोटे अनाज (श्रीअन्न) पर आढ़त 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत की जायें। फल-सब्जी मण्डी में कृषक कल्याण फीस समाप्त कर यूजर चार्ज लगाया जायें।
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