खनिज उत्पादन और रॉयल्टी ट्रेंड का होगा नियमित विश्लेषण, हर माह 4-5 खानों की पड़ताल
रॉयल्टी मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाया जा सके
राजस्थान में माइनिंग सेक्टर को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए खनिज उत्पादन और रॉयल्टी ट्रेंड का नियमित विश्लेषण किया जाएगा। प्रमुख सचिव टी. रविकान्त के अनुसार अधीक्षण खनि अभियंता मासिक रूप से 4-5 खानों का अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ने पर ड्रोन सर्वे होगा। इससे वैध खनन को बढ़ावा और अवैध खनन पर रोक के साथ मॉनिटरिंग व्यवस्था मजबूत होगी।
जयपुर। राजस्थान में माइनिंग सेक्टर को अधिक गतिशील और पारदर्शी बनाने के लिए अब खनिज उत्पादन और रॉयल्टी ट्रेंड का नियमित विश्लेषण किया जाएगा। प्रमुख सचिव, माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग टी. रविकान्त ने बताया कि वृत स्तर पर अधीक्षण खनि अभियंताओं को प्रतिमाह 4–5 खानों के उत्पादन के उतार-चढ़ाव का अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन सर्वे के माध्यम से भी उत्पादन की सत्यता जांची जाएगी।
बैठक में उन्होंने कहा कि उत्पादन के साथ ही आरसीसी-ईआरसीसी रॉयल्टी वसूली के आंकड़ों का विश्लेषण भी अधीक्षण खनि अभियंता करेंगे, जिससे रॉयल्टी मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाया जा सके। इस वैज्ञानिक विश्लेषण से खानधारकों और सरकार दोनों को उत्पादन में कमी-बढ़ोतरी के कारण, मांग-आपूर्ति स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को समझने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान को माइनिंग सेक्टर में अग्रणी और नवाचारी प्रदेश बनाना चाहते हैं, जिसके अनुरूप विभाग नए आयाम स्थापित कर रहा है। नियमित विश्लेषण से वैध खनन को बढ़ावा मिलेगा तथा फील्ड अधिकारियों की सक्रिय मॉनिटरिंग से अवैध खनन पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी।
निदेशक माइंस महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि फील्ड अधिकारियों को अधिक सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं और मॉनिटरिंग व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। बैठक में संयुक्त सचिव अरविन्द शक्तावत, अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और फील्ड अधिकारी उपस्थित रहे।

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