जयपुर टाइगर फेस्टिवल में दहाड़ी कला और संस्कृति, शिल्पग्राम में सजी बाघों की अद्भुत दुनिया
कला, संस्कृति और संरक्षण का संगम
जयपुर के जवाहर कला केंद्र में गुरुवार से 7वां जयपुर टाइगर फेस्टिवल शुरू हुआ। राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े ने दीप जलाकर उद्घाटन किया। चार दिवसीय कार्यक्रम में 150 से अधिक टाइगर फोटोज, पेंटिंग्स, लाइव स्केचिंग और फिल्म स्क्रीनिंग आकर्षण बने।
जयपुर। जयपुर के जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में गुरुवार को प्रकृति, कला और संस्कृति का अनूठा संगम तब देखने को मिला, जब 7वां जयपुर टाइगर फेस्टिवल शुरू हुआ। राजस्थान के महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े ने दीप प्रज्वलित कर इस चार दिवसीय आयोजन की औपचारिक शुरुआत की। उद्घाटन समारोह में उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
शिल्पग्राम का माहौल बाघों की गर्जना, रंगों और कलात्मक अभिव्यक्तियों से ऐसा सजा मानो पूरा परिसर एक जीवंत टाइगर हैबिटैट बन गया हो। फेस्टिवल में 53 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां देश के नामचीन वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स द्वारा बाघों की 150 से अधिक तस्वीरें, 63 पेंटिंग्स, लाइव स्केचिंग, वर्चुअल शो, स्टोरी टेलिंग, साहित्यिक संवाद और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं।
फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य बाघ संरक्षण और जिम्मेदार पर्यटन को सरल भाषा में समझाना है। ट्रैंकुलाइज़ेशन और रेस्क्यू में प्रयुक्त उपकरणों का लाइव डेमो भी दर्शकों के लिए खास आकर्षण बना। अलंकार गैलरी में टाइगर आधारित फिल्म स्क्रीनिंग बाघों की दुनिया का वास्तविक अनुभव कराती है।

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