राजस्थान में पीपीपी परियोजनाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए वित्त विभाग को मिली नई जिम्मेदारियाँ, मुख्यमंत्री की स्वीकृति से जारी हुआ आदेश
गठित स्टियरिंग एवं समन्वय समिति शामिल
राज्य में सार्वजनिक-निजी साझेदारी से जुड़ी योजनाओं और परियोजनाओं के त्वरित, सुचारू और प्रभावी संचालन के लिए राजस्थान सरकार ने महत्त्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अब तक योजना विभाग के अधीन संचालित हो रहा पीपीपी प्रकोष्ठ (आर्थिक मामलों) को वित्त (समन्वय) विभाग के अधीन स्थानांतरित कर दिया गया है।
जयपुर। राज्य में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) से जुड़ी योजनाओं और परियोजनाओं के त्वरित, सुचारू और प्रभावी संचालन के लिए राजस्थान सरकार ने महत्त्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अब तक योजना विभाग के अधीन संचालित हो रहा पीपीपी प्रकोष्ठ (आर्थिक मामलों) को वित्त (समन्वय) विभाग के अधीन स्थानांतरित कर दिया गया है। यह आदेश मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की स्वीकृति से जारी हुआ है।नए प्रावधान के अनुसार वित्त विभाग अब पीपीपी परियोजनाओं के लिए गठित प्रमुख समितियों के संचालन और समन्वय की जिम्मेदारी निभाएगा। इनमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित निर्माणाधीन अवसंरचना विकास परिषद, मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली सशक्त अवसंरचना विकास समिति, स्विस चैलेंज विधि के तहत गठित राज्य स्तरीय सशक्त समिति, तथा बड़े अवसंरचना कार्यों के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए गठित स्टियरिंग एवं समन्वय समिति शामिल हैं।
पीपीपी प्रकोष्ठ की नई जिम्मेदारियों में वित्त मंत्रालय, नीति आयोग तथा केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय, भारत अवसंरचना परियोजना विकास कोष और सुवहनीयता अंतर निधि से जुड़े कार्य, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन से संबंधित दायित्व, विभिन्न विभागों से प्राप्त पीपीपी प्रस्तावों का निस्तारण, संबंधित समितियों की बैठकें आयोजित करना, विभागीय प्रगति रिपोर्ट तैयार करना और राज्य की पीपीपी नीतियों तथा योजनाओं का निर्माण शामिल है। सरकार का मानना है कि इस पुनर्गठन से पीपीपी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और राज्य में बड़े अवसंरचना विकास कार्य अधिक प्रभावी रूप से आगे बढ़ सकेंगे।

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