गैंगस्टरों के विदेश भागने का मामला: 20 साल में पहली बार सक्रिय हुई पुलिस मुख्यालय की इंटरपोल, दिल्ली में डाला डेरा

सीबीआई के जरिए इटली की एजेंसी से लगातार किया जा रहा सम्पर्क

गैंगस्टरों के विदेश भागने का मामला: 20 साल में पहली बार सक्रिय हुई पुलिस मुख्यालय की इंटरपोल, दिल्ली में डाला डेरा

अमरजीत को गिरफ्तार करवाने के बाद रोहित गोदारा, गोल्डी बराड, सुधा कंवर समेत कई राडार पर

जयपुर। प्रदेश में फिरौती के लिए बढ़ रही धमकियों के बीच 20 साल में पहली बार पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच की इंटरपोल शाखा पूरी तरह से सक्रिय हुई है। अब तक इस इंटरपोल विंग ने गैंगस्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई थी। अब लॉरेंस गैंग के गुर्गे और रोहित गोदारा के खास अमरजीत सिंह बिश्नोई को गिरफ्तार करवाने के बाद टीम ने अन्य गैंगस्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इंटरपोल विंग ने दिल्ली की सीबीआई विंग के मार्फत इटली की एजेंसी से कई बार सम्पर्क साधा है। लगातार पत्राचार किया जा रहा है। इंटरपोल की टीम लगातार दिल्ली में डेरा डाले हुए है। बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ माह में पूरी कागजी कार्रवाई कर ली जाएगी। उसके बाद अमरजीत सिंह को भारत लाया जा सकेगा। पुलिस मुख्यालय की इंटरपोल विंग की कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम वर्मा को सौंपी गई है। 

पूछताछ में ही ली जाए पासपोर्ट की जानकारी
प्रदेश के कई बड़े उद्योगपतियों, व्यापारियोें और ठेकेदारों को बड़ी रकम के लिए फिरौती मांगने वाले गैंगस्टर वारदात कर आसानी से विदेश जाकर बैठ जाते हैं। अमरजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों में मंथन हुआ है कि जब भी कोई बड़ा बदमाश या उसका गुर्गा पकड़ा जाता है तो उसके पास मौजूद पासपोर्ट की भी जांच होनी चाहिए। कहीं उसने किसी फर्जी तरीके से पासपोर्ट तो नहीं बनवा लिया। कई अधिकारियों का मत है कि यदि पूर्व में ही पासपोर्ट जैसे अहम दस्तावेज के बारे में जानकारी जुटा ली जाए तो वारदात कर आरोपियों के विदेश में भागने पर अंकुश लग सकता है। यदि पासपोर्ट के बारे में सख्ती हो जाती है तो सिर्फ बदमाशों के पास नेपाल के रास्ता ही भागने के लिए बचता है। 

घट गई हैं फायरिंग की घटनाएं
एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि एजीटीएफ टीम की बदमाशों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से फायरिंग की घटनाओं में कमी आई है। फायरिंग के प्रकरणों में वर्ष 2023 के मुकाबले इस वर्ष जून महीने तक दर्ज किए गए प्रकरणों की संख्या में 41.89 प्रतिशत, घायलों की संख्या में 59.56 एवं मृतकों की संख्या में 44.44 प्रतिशत की गिरावट हुई है। प्रदेश में फायरिंग के मामले में 2021 में जून माह तक 223 हुए। जिसमें 129 घायल व 32 की मौत हुई। साल 2022 में जून माह तक 272 प्रकरण दर्ज हुए, जिसमें 151 घायल व 30 की मौत हो गई। इसी प्रकार साल 2023 में जून महीने तक 265 प्रकरण दर्ज हुए, जिसमें 183 घायल व 27 की मौत हो गई। इसकी तुलना में साल 2024 में जून महीने तक 154 प्रकरण दर्ज हुए, जिसमे 74 घायल व 15 की मौत हुई है।

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