ERCP का समझौता पूर्वी राजस्थान का गला घोटेगा पीने का पानी भी पूरा नहीं मिलेगा : रामकेश मीणा
3921 एमसीएम पानी मिलना चाहिए था
रामकेश मीणा ने कहा कि मेरी मांग है कि जो पुरानी योजना थी उसे ही लागू किया जाए। वसुंधरा राजे को नीचा दिखाने के लिए प्रोजेक्ट को बदला गया है।
जयपुर। गंगापुर के विधायक रामकेश मीणा ने जल संसाधन और इंदिरा गांधी नहर परियोजना की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि राजस्थान को ईआरसीएपी से 3921 एमसीएम पानी मिलना चाहिए था। जबकि नए एमओयू के मुताबिक आधा पानी ही मिलेगा। पूर्वी राजस्थान को पीने के पूरा पानी भी नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार दिल्ली में 13 दिसंबर 2023 को मध्य प्रदेश से दिल्ली में समझौता किया। लेकिन उसका सदन में नहीं रखा गया है। हमें नहीं बताया गया है कि क्या समझौता किया गया है।इसे 75% डिपेंडेबिलिटी पर बनाने से प्रदेश के हितों पर कुठाराघात हुआ है। राजस्थान सरकार को चाहिए कि वह पुरानी डीपीआर के अनुसार ही इस प्रोजेक्ट को लागू करें। 75% डिपेंडेबिलिटी पर इस प्रोजेक्ट को बनाने पर केवल 1744 एमसीएम पानी मिल रहा है। सिंचाई के लिए पानी नहीं बचेगा । 2 लाख हेक्टेयर जमीन कैसे सिंचित करेंगे। किसानों को उपेक्षित रखा गया है। किसानों को ठगने का काम सरकार कर रही है। समय आने पर सरकार को किसान सबक सिखाएंगे। मेरी मांग है कि जो पुरानी योजना थी उसे ही लागू किया जाए। वसुंधरा राजे को नीचा दिखाने के लिए प्रोजेक्ट को बदला गया है।
उन्होंने कहा कि पांचना बांध 2004-05 से ही बंद पड़ा है। 40000 बीघा जमीन पिछले 20 सालों से असंचित पड़ी हुई है। जिन किसानों के क्षेत्र से नहर निकली उनको भी मुआवजा नहीं मिला। इंदिरा लिफ्ट योजना को केंद्रीय आयोग में मंजूरी दे दी लेकिन वह भी अभी तक शुरू नहीं हुई है। चंबल से पानी लिफ्ट करके पंचना बंध में डालना था, लेकिन पूर्व गहलोत सरकार की इस योजना को भी ठंडा बस्ते में डाल दिया गया है। पूर्वी राजस्थान के लोगों के साथ कुतराघाट किया जा रहा है। पांचना बांध के पानी को भी इस सरकार ने गायब कर दिया है।
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