शिक्षा क्षेत्र में महंगे प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए फंडिंग के विकल्प बढ़ाए जाने की जरूरत
केन्द्र सरकार से शिक्षा बजट बढ़ाने की मांग की जा रही है
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों से लेकर ट्रेनिंग, स्किल डेवलेपमेंट, कोचिंग इंस्टीट्यूट्स और एडुटेक स्टार्टअप्स को भी काफी उम्मीदें है
जयपुर। केन्द्र सरकार से शिक्षा बजट बढ़ाने की मांग की जा रही है। फिलहाल शिक्षा पर सरकार जीडीपी के ढाई से 3 फीसदी के बीच ही रकम आवंटित करती है, जिसे बढ़ाकर कम से कम 5 या 6 परसेंट किए जाने की मांग है। इस बार के बजट से एजुकेशन सेक्टर भी काफी आस लगाए बैठा है। स्कूल, कॉलेज विश्वविद्यालयों से लेकर ट्रेनिंग, स्किल डेवलेपमेंट, कोचिंग इंस्टीट्यूट्स और एडुटेक स्टार्टअप्स को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। अगर कुछ मुख्य डिमांड्स की बात करें तो एजुकेशन सेक्टर महंगे प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए फंडिंग के विकल्प बढ़ाए जाने की मांग कर रहा है। इसके साथ ही सभी एजुकेशन सर्विसेज पर लगने वाले जीएसटी में छूट, शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और आर्थिक तौर पर पिछड़े स्टूडेंट्स के लिए शैक्षिक खर्चों पर 100 फीसदी जीएसटी की छूट जैसी कई मांगे हैं, जिनके लिए इस सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स को काफी उम्मीदें हैं। कुल मिलाकर भी शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत के लिए 18 फीसदी जीएसटी को जानकार घटाने की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना होगा
एजुकेशन सेक्टर का मानना है कि अगर भारत का लक्ष्य शिक्षा में विश्व गुरु बनना है तो उसे ग्रामीण क्षेत्रों में एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना होगा। इसके साथ ही टीचर्स ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और हायर एजुकेशन के लिए निवेश को प्रोत्साहित करना होगा।
देश में 15 लाख स्कूल, 25 करोड़ छात्र
डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा दिए जाने की डिमांड भी ये सेक्टर कर रहा है, जिससे 15 लाख से ज्यादा स्कूलों और 25 करोड़ से ज्यादा छात्रों वाले देश का एजुकेशन सिस्टम दुरुस्त किया जा सके। शिक्षा विशेषज्ञ डॉ.आरबी कुमावत ने कहा कि अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी एजुकेशन सिस्टम में इस्तेमाल बढ़ाने के लिए नीति बनाए जाने की मांग बजट में कर रहे हैं।
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