भगवान भरोसे राजपुर का सरकारी अस्पताल, डॉक्टर और कर्मचारी नदारद

चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार बेखबर

भगवान भरोसे राजपुर का सरकारी अस्पताल, डॉक्टर और कर्मचारी नदारद

क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रकोप को बारिश के मौसम में चल रहा है।

राजपुर। एक और तो सरकार सहरिया अंचल क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लाखों करोड़ों रुपए का बजट चिकित्सा सुविधा दे रही है तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते लोगों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और यह सरकारी रिकॉर्ड में हॉस्पिटल भगवान भरोसे संचालित हो रहा है। उल्लेखनीय बात तो यह है कि राजपुर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है जिस पर डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी तैनात हैं लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पर समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। इसके चलते चिकित्सा सुविधाओं का लाभ क्षेत्र के तीमारदारों को नहीं मिल रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने पर मजबूर है मरीज: मजबूरी में क्षेत्र के लोग झोलाछाप डॉक्टरों एवं केलवाड़ा, समरानिया, शाहाबाद बारां जाकर इलाज करवाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं शनिवार को प्रात: 9:35 तक कोई कर्मचारी चिकित्सालय नहीं पहुंचा। वही इलाज के इंतजार में मरीज खड़े रहे उसके बाद एक स्टेपनी कर्मचारी अस्पताल पहुंचा और ताला खोलकर मरीजों की पर्ची काटने लग गया। वही कुछ मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के दवा वितरण भी कर दी जब इस संबंध में आॅन रिकॉर्ड कैमरा बात की तो कर्मचारी दवा गोली देने से बचत नजर आया और अस्पताल के बाहर निकल गया। वहीं बोल रहा था कि मैं कोई कर्मचारी नहीं हूं मैं तो ऐसे ही सेवा देने के लिए आ गया था। अभी डॉक्टर नहीं आए हैं। एक कर्मचारी अजय मेहता छुट्टी पर है। वहीं अन्य कर्मचारी नहीं आए हैं। सोमा जाटव, अरविंद भार्गव मुरारी जाटव, कल्याण अनार सिंह कलाराम अखिलेश आदि मरीज ने बताया कि 9:35 तक शनिवार को अस्पताल नहीं खुला। मरीज परेशान होते रहे। डॉक्टर अक्सर इसी तरीके से अस्पताल से गायब रहते हैं। 

मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं का नहीं मिल रहा लाभ
क्षेत्र में मौसमी बीमारियों का प्रकोप को बारिश के मौसम में चल रहा है। ऐसे में मरीज इलाज करने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन अस्पताल में मरीजों को सरकार की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।  यहां पर तैनात अस्पताल प्रभारी डॉ. विनोद घूंसारिया अस्पताल में कभी-कभी पहुंचते हैं। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर डॉक्टर ठहराव नहीं होता हैं। समरानिया और कोटा निवास करते हैं जो कभी-कभी अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में अस्पताल में अधिकतर नर्सिंग कर्मचारी अजय मेहता ही मरीज को सेवाएं देते हैं। अस्पताल पर ताला लगा होने एवं आम आदमी द्वारा मरीज को दवा देने के मामले में चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को ग्रामीणों ने फोन पर सूचना देकर अवगत करा दिया है।  

बाहरी आदमी कर रहा दवा गोली का वितरण
उल्लेखनीय बात तो यह है कि राजपुर अस्पताल में डॉक्टर और  नर्सिंग कर्मचारी तैनात होने के बावजूद भी बाहरी आदमी अस्पताल का संचालन कर रहा है और दवा गोली का वितरण भी कर रहा है। ऐसे में मरीजों को इन दवा गोलियों से रिएक्शन होने का खतरा बना रहता है। लोगों ने ऐसे लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ चिकित्सा प्रशासन से उचित कार्रवाई करने एवं डॉक्टर को ग्राम पंचायत मुख्यालय के अस्पताल पर नियमित रूप से सेवाएं देने की मांग की है ताकि क्षेत्र के लोगों को मौसमी बीमारियों के दौर में चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके।

सुविधाओं का अभाव,मरीज परेशान
कस्बे के अस्पताल में पेयजल व्यवस्था से लेकर सफाई व्यवस्था तक गड़बडाई हुई है। अस्पताल के चारों तरफ गंदगी का आलम है। पेयजल व्यवस्था नहीं मिल रही है। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं चिकित्सा कर्मियों के लिए भी पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। अस्पताल में पेयजल की सुविधा नहीं है। वाटर कुलर वगेरा शोपीस मात्र बनकर रखे हुए हैं। अन्य सुविधाएं भी अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही है ऐसे में मरीजों में चिकित्सा प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। लोगों ने जिला कलक्टर से राजपुर चिकित्सालय की चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार करने एवं नियमित रूप से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की है।

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राजपुर अस्पताल में डॉक्टर का ठहराव नहीं होता है। कभी-कभी डॉक्टर अस्पताल पहुंचते हैं। चिकित्सा सुविधाओं का मरीजो को लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों ने चिकित्सा प्रशासन के जिम्मेदार चिकित्सा कर्मियों को नियमित रूप से सेवाएं देने की मांग की है।
- अरविंद कुमार, मरीज। 

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राजपुर अस्पताल में आम आदमी अस्पताल का संचालन कर रहा है। जिसकी अस्पताल में कोई ड्यूटी नहीं है। इससे मरीजो को हमेशा खतरा बना रहता है।
- अनार सिंह, मरीज। 

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राजपुर अस्पताल में मरीजों को चिकित्सा सुविधा नाम मात्र की मिल रही हैं। साधारण बुखार मलेरिया उल्टी दस्त जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को झोलाछाप डॉक्टर और बाहरी डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।
- कल्लाराम प्रजापति, ग्रामीण। 

राजपुर अस्पताल पर दो कर्मचारी हैं। एएनएम, जीएनएम और मैं डॉक्टर के पद पर हूं जो बैठकों में आना जाना रहता है। फ्री होते ही अस्पताल में बैठता हूं। मरीज को देखता हूं और मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। आज भी मैं बारां जिला प्रशासन के साथ बैठक में था अब जल्दी ही अस्पताल में व्यवस्थाएं ठीक कर दी जाएगी। सारी समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है।
- डॉ. विनोद घूंसारिया, राजपुर पीएससी प्रभारी।

राजपुर चिकित्सालय में नियमित रूप से डॉक्टर नहीं पहुंच रहे है। पानी और सफाई व्यवस्था मरीजों की जांच जैसी परेशानी अगर बनी हुई तो सोमवार से मरीज को सारी सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगी। अगर कोई बाहरी आदमी अस्पताल में सेवाएं दे रहा है तो डॉक्टर से इस मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. शेख आरिफ इकबाल, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, शाहाबाद। 

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