राज बदला लेकिन चिकित्सालय की व्यवस्थाएं नहीं बदली
हिंडोली अस्पताल में एक पारी में साढ़े सात सौ मरीजों का आउटडोर
50 बेड का अस्पताल 30 बेड ही चालू।
हिंडोली। राज बदल गया लेकिन हिंडोली चिकित्सालय की व्यवस्था जस की तस है । मौसमी बीमारी के चलते हिंडोली चिकित्सालय में एक पारी में 750 सौ मरीज आ रहे हैं लेकिन 30 व्यक्तियों को ही भर्ती करने की व्यवस्था है। उसके बाद अगर किसी रोगी को बोतल लगानी है तो इंतजार करने के लिए कहा जाता है। बेड खाली होने दो फिर बोतल लगाएंगे हिंडोली के ग्रामीणों के साथ यह कैसी विडंबना है बार-बार सोचते हैं कि राज बदल है तो व्यवस्थाएं भी बदलेंगे आज से लगभग 9 महीने पहले कांग्रेस सरकार थी और यहां अशोक चांदना मंत्री थे। उन्होंने हिंडोली चिकित्सालय सुविधाएं बढ़ाने के लिए 30 बेड से 50 बेड का चिकित्सालय कागज में कर दिया। लेकिन धरातल पर 50 बेड की व्यवस्थाएं ही रही। ना उसे समय पर्याप्त चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ था ना आज भी पर्याप्त चिकित्सक और पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ है।
ड्रिप चढ़ानी है तो इंतजार करो
हिंडोली चिकित्सालय में 30 बेड ही चल रहे हैं और इतना ही नर्सिंग स्टाफ है अगर 31 व मरीज आ जाता है तो और उसके बोतल लगाना अनिवार्य है तो उसको इंतजार करने के लिए कहा जाता है। इंतजार करो बेड खाली होने दो जिसके बाद आपके बोतल लगाएंगे।
एक चिकित्सक के पास 2 सौ से भी अधिक रोगी
गुरुवार को हिंडोली चिकित्सालय पहुंचने पर देखा गया कि हिंडोली चिकित्सालय में तीन-चार चिकित्सक मरीजों को देख रहे थे एक चिकित्सक के पास 200 से अधिक मरीजों की लाइन थी बरसात शुरू होने के साथ ही 7:30 सौ मरीज प्रतिदिन हिंडोली चिकित्सालय में आ रहे हैं।
मौसमी बीमारी के चलते 750 मरीज का आउटडोर चल रहा है। ज्यादातर बुखार,पेट दर्द,उल्टी दस्त, खांसी जुकाम के रोगी आ रहे हैं। चिकित्सालय 50 बेड का है लेकिन ना तो पर्याप्त चिकित्सक है और नहीं नर्सिंग स्टाफ ऐसी स्थिति में मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन या सरकार पर्याप्त चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ दे दे तो 50 बेड का चिकित्सालय सुचारू रूप से चल सकता है।
- रमेश कुशवाहा, चिकित्सा प्रभारी हिंडोली
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