सड़कों की गिट्टी उखड़ी, वाहन चक्करघिन्नी
डामर की सड़कों पर किए सीसी के पेचवर्क
हालत यह है कि गिट्टी पर शहर में दिनभर में कई वाहन चालक संतुलन बिगड़ने से गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं।
कोटा । शहर में बरसात के कारण मेन रोड से लेकर गली मोहल्लों तक की सड़कों पर हुए बड़े-बड़े खड्डा को सीसी के पेचवर्क से भर तो दिया लेकिन उनमें से अधिकतर की गिट्टी उखड़ने से वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे में हादसों का धतरा भी बढ़ गया है। मानसून के सक्रिय होने के बाद पिछले महीने सावन में शहर में रूक-रूक कर अच्छी बरसात हुई। जिससे कई बार तो सड़कों पर पानी ही पानी हो गया था। ऐसे में शहर की मेन रोड से लेकर गली मौहल्लों तक की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए। उन गड्ढ़ों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। हालांकि अभी भी अधिकतर गड्ढ़े जस के तस बने हुए हैं। लेकिन कई जगह पर मेन रोड के गड्ढ़ों को पेचवर्क कर भर दिया गया। मेन रोड की अधिकतर डामर सड़कों पर सीसी का पेचवर्क किया गया है। जिससे गड्ढ़ों के कारण वाहन चालकों को हिचकोले तो नहीं लग रहे। लेकिन अधिकतर पेचवर्क की गिट्टी उखड़कर सड़क पर फेल गई है। जिससे वहां से तेज गति से निकलने वाले वाहन विशेष रूप से दो पहिया वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ रहा है। हालत यह है कि गिट्टी पर शहर में दिनभर में कई वाहन चालक संतुलन बिगड़ने से गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं।
यहां है अधिक खतरनाक स्थिति
शहर में जिस विभाग की सड़कें हैं उन संबंधित विभाग द्वारा पेचवर्क करवाए गए हैं। वैसे मेन रोड अधिकतर कोटा विकास प्राधिकरण के अधीन हैं। ऐसे में केडीए की ओर से छावनी फ्लाई ओवर पर कोटड़ी की तरफ उतरते समय ढलान पर और उसके आगे सीसी का पेचवर्क कर गड्ढ़ों को भरा गया था। लेकिन वहां पूरी सीसी उखड़ने से गिट्टी सड़क पर फेली हुई है। यहां ऊपर से तेजी से आने वाले वाहनों का अचानक गिट्टी से होकर गुजरने पर संतुलन बिगड़ रहा है। दो पहिया वाहनों के अलावा चार पहिया वाहन तक संतुलन बिगड़ने से हादसों का कारण बन रहे हैं। वहीं एलबीएस मार्ग हो या डीसीएम रोड और संजय नगर आरओबी पर भी डामर सड़कों पर सीसी के पेचवर्क तो कर दिए लेकिन वे सभी उखड़ चुके हैं। जिससे इन पर दिनभर में कई वाहन स्लिप होकर गिर रहे हैं। इनके अलावा नयापुरा चौराहा समेत कई अन्य जगहों पर भी यही हालत है।
ऐसे काम का क्या फायदा
गड्ढ़ों पर सीसी का पेचवर्क करने के बाद भी हादसों का खतरा कम नहीं होने पर शहर वासियों का कहना है कि ऐसा काम करने का क्या फायदा जिससे समस्या का समाधान ही नहीं हो। खेड़ली फाटक निवासी उमाशंकर लोधा का कहना है कि बरसात में गड्ढ़ों में पानी भरने से उनके नजर नहीं आने पर वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे थे। वहीं अब उन पर सीसी का पेचवर्क तो कर दिया लेकिन उसकी गिट्टी उखड़कर पूरी सड़क पर फेल रही है। यह तो गड्ढ़ों से भी अधिक खतरनाक हो रही है। इन पर वाहनों का संतुलन बिगड़ने से आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कई लोग इनसे बचकर निकलने के प्रयास में अन्य वाहनों से टकराकर चोटिल हो रहे हैं। नयापुरा निवासी मनीष सक्सेना का कहना है कि नगर निगम हो या नगर विकास न्यास सड़कों की मरम्मत ऐसी करनी चाहिए जिससे स्थायी समाधान हो। लेकिन एक समस्या को दूर करने के लिए दूसरी समस्या खड़ी कर दी। वहीं हादसे रोकने के लिए पेचवर्क किए गए लेकिन उनमें कमी नहीं हुई।
इनका कहना है
बरसात में हर साल डामर की सड़कों पर गड्ढ़े होते हैं। लेकिन बरसात में डामर के पेचवर्क नहीं किए जाते। इसका कारण वे टिकते नहीं है। उसी कारण से विकल्प के रूप में सीसी के पेचवर्क किए जाते हैं लेकिन यह भी कुछ ही दिन चलते हैं। ये पेचवर्क अस्थायी होने से बरसात निकालने तक रहते हैं। मौसम खुलने या बरसात का दौर थमने के बाद ही डामर के पेचवर्क या नई सड़क बनाई जाती है। सड़क जिस विभाग के अधीन आती है उस पर वही विभाग काम करता है। शहर में नगर निगम व केडीए और सार्वजनिक निर्माण विभाग तीनों विभागों की सड़के हैं। वेसे अधिकतर मेन रोड केडीए के अधीन ही हैं।
-भूपेन्द्र बंशीवााल, एक्सईएन कोटा विकास प्राधिकरण
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