यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहा एनएचएआई
सिर्फ टोल वसूलने पर ध्यान, सुविधाएं दर किनार : नेशनल हाइवे पर मवेशियों का कब्जा, वाहन चालक हो रहे दुर्घटनाग्रस्त
हैंगिंग ब्रिज, कैथून, रायपुरा व बारां फोरलेन पर मवेशियों का जमावड़ा
कोटा। कोटा से गुजर रही नेशनल हाइवे की सड़कें यात्रियों के लिए महफूज नहीं है। एनएचएआई कोटा संभाग के अधिकारी सिर्फ टोल वसूलने में मशगुल है। उन्हें यात्रियों की सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है। जबकि, टोल चुकाने के बावजूद वाहन चालकों को खतरों से भरा सफर करना पड़ रहा है। हालात यह है कि हाइवे पर जगह-जगह मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ है। जिसकी वजह से वाहन चालक हादसों के शिकार हो रहा है। इसके बावजूद कोटा एनएचएआई के अधिकारी आंखें मूंदे पड़े हैं। हालात यह है, हैंगिंग ब्रिज से बूंदी की ओर, बारां फोरलेन, कैथून, रायपुरा सहित हाइवे के अन्य मार्गों पर सुबह से रात तक मवेशियों का जमघट लगा रहता है।
टोल वसूली पूरी, सुरक्षा के इंतजाम अधूरे
कोटा एनएचएआई अधिकारियों का सिर्फ टोल वसूलने पर ही फोकस है। जबकि, यात्रियों की सुरक्षा पर बिलकुल भी ध्यान नहीं है। हाइवे पर आवारा मवेशियों को आने से रोकने में अधिकारी पूरी तरह विफल रहे हैं। स्पीड से गुजरते वाहनों के सामने अचानक मवेशियों के आने से वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। अधिकारियों की घोर लापरवाही से हाइवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। पूर्व में कोटा-रावतभाटा हाइवे पर कई हादसे हो चुके हैं।
अधिकारियों के दावे की खुली पोल
एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा मवेशियों के रिफलेक्टर लगाए जाने व मवेशी मुक्त सड़क के दावे किए जाते हैं, लेकिन बुधवार को नवज्योति हैंगिंग ब्रिज से बूंदी रोड पर पहुंची तो वहां हाइवे के दोनों तरफ मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ नजर आया। उनके ऊपर न तो रिफ्लेक्टर लगे हुए थे और न ही रेडियम बेल्ट बंधी हुई थी। कोटा से बूंदी की ओर स्पीड से गुजर रही कार के सामने जाखमूंड के पास अचानक मवेशी आ गए, जिन्हें बचाने के फेर में कार अनियंत्रित हो गई। हालांकि, चालक की सुझबुझ से हादसा टल गया।
एनएच-52 पर जगह-जगह कट
नेशनल हाइवे-52 पर सड़क के दोनों तरफ कई कट बने हुए हैं, जो गांव व जंगल से जुड़े हैं। एक कट से मवेशी हाइवे पर आते हैं और दूसरे कट से जंगल में जाते हैं। जिसकी वजह से हाइवे पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। जबकि, यहां से बड़ी संख्या में वाहन स्पीड से गुजरते हैं। ऐसे में अचानक मवेशियों के सामने आने पर वाहन अनकंट्रोल होकर या तो सड़क से नीचे उतर जाते हैं या फिर डिवाइडर से टकराकर हादसे का शिकार हो जाते हैं।
इन जगहों पर हादसे का खतरा
नेशनल हाईवे 52 : हैंगिंग ब्रिज से जाखमूंड के बीच, बूंदी टनल के पास, हिंडौली, तालेड़ा, पेंच की बावड़ी, जगपुरा, आलनिया, कसार, मंडाना, दरा, सुकेत, कालीसिंध, अकतासा, असनावर, मिश्रोली और बल्लोप में खतरा बना रहता है। नेशनल हाईवे 27 पर कैथून रोड के नजदीक, हाथीखेड़ा, जगन्नाथपुरा, ताथेड़, पोलाई, सीमलिया, गड़ेपान, पलायथा, बमुलिया, फतेहपुर, समसपुर, किशनगंज, रामपुरिया और समरानिया में मवेशियों के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
हैंगिंग ब्रिज से बूंदी तक मवेशियों का जमावड़ा
एनएच-52 पर हैंगिंग ब्रिज से लेकर जाखमूंड तक सड़क पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। जबकि, यहां से प्रतिदिन सैंकड़ों वाहन गुजरते हैं। इस मार्ग पर सड़क के दोनों ओर जंगल व खेत हैं। वहीं, जाखमूंड से बूंदी तक हाइवे किनारे कई गांव बसे हैं। जहां से बड़ी संख्या में मवेशी हाइवे पर आ जाते हैं और दोपहर से रात तक सड़कों पर जमे रहते हैं। वाहन चालकों ने कई बार नेशनल हाइवे आॅथोरिटी को शिकायत भी की लेकिन समाधान नहीं हुआ।
टोल प्लाजा पर शिकायत, समाधान नहीं
निजी कम्पनी में सेल्स एक्जीक्यूटिव गौरव आहूजा व विजय आहूजा का कहना है, कोटा-बारां हाइवे पर गत फरवरी माह में रात को इटावा से कोटा लौट रहे थे, रायपुरा के पास अचानक से मवेशी सड़क पर आ गया। जिसे बचाने के लिए बे्रक लगाए तो कार अनियंत्रित होकर आगे चल रहे लोडिंग वाहन से टकरा गई। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ। इसी तरह सितम्बर माह में जयपुर जाते समय बरधा बांध के पास अचानक मवेशी कार के सामने आ गया। गनीमत रही की कार की स्पीड धीमी थी, जिससे हादसा होने से बच गया। लौटते समय हैंगिंग ब्रिज टोल प्लाजा पर इसकी शिकायत की थी लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ। मवेशियों पर रेडियम भी नहीं लगवाए हैं।
यात्री बोले - डिवाइडर से टकरा गई थी कार
वाहन चालक सुरेंद्र सिंह, वकार हुसैन, अजर खान व यश कुमार कहते हैं, कोटा से जयपुर जाने के लिए हैंगिंग ब्रिज पर टोल चुकाते हैं, लेकिन सफर सुरक्षित नहीं है। सड़कों आवारा मवेशियों का जमावड़ा रहता है,जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। कंसुआ निवासी जमना शंकर प्रजापति ने बताया कि गत मार्च माह में रात को जयपुर से कोटा लौट रहे थे। डाबी स्थित रामपुरिया गांव से हैंगिंग ब्रिज के बीच अचानक दो मवेशी कार के सामने आ गए। जिसे बचाने के लिए ब्रेक लगाए तो कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। जिससे कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि जान बाल-बाल बच गई। हैंगिंग ब्रिज पर टोल कर्मियों से शिकायत भी की थी लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया।
लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई
महावीर नगर निवासी योगेश जैन, सतवीर सिंह, दिनेश पंकज का कहना है, एनएचएआई अधिकारियों की लापरवाही के कारण हाइवे यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं है। आवारा मवेशियों को सड़कों पर आने से रोकने में विफल रहे। जबकि, एनएचएआई द्वारा रात को सड़कों से मवेशियों को हटाने का दावा किया जाता है, जो पूरी तरह से झूठे हैं। गत अप्रेल माह में दोस्त की शादी में शामिल होने बूंदी से कोटा आए थे। रात को वापस जाते समय पूरे रास्ते में न तो पेट्रोलिंग टीम मिली और न ही कोई कर्मचारी सड़कों से मवेशियों को हटाते हुए नजर आया। जबकि, कोटा-बूंदी हाइवे पर सबसे ज्यादा मवेशियों का जमघट लगा रहता है। अधिकारियों की लापरवाही से वाहन चालकों की जान संकट में रहती है। ऐसे लापरवाह एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
यह समस्या तो सब जगह पर है। बारिश के तीन महीने मवेशियों की सड़कों पर मौजूदगी अधिक रहती है। हमारी पेट्रोलिंग टीम मवेशियों को सड़कों से हटाने के लिए पेट्रोलिंग करती है। मवेशियों के रिफ्लेक्टर भी लगाए हैं। समस्या के समाधान के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।
- संदीप अग्रवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई कोटा
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