धनतेरस पर सर्राफा बाजार में बंपर खरीदारी, बर्तन बाजार में 10% से अधिक वृद्धि
‘धन वृद्धि कारक’-‘आरोग्य दिवस’
धनतेरस पर ज्वैलरी और बर्तन खरीद की परंपरा रही आकर्षक
जयपुर। दिनभर खरीदारी की रौनक से सरोबार रहा जयपुर का बाजार। धनतेरस के दिन बाजार में सभी की मंगल कामना के साथ खरीदारी का नया इतिहास रचा। परकोटे सहित बाहर के सभी बाजारों में अलसुबह से देररात तक खरीदारों का तांता लगा रहा।
सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल और महामंत्री मातादीन सोनी ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस को ‘धन वृद्धि कारक’ और ‘आरोग्य दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस दिन किया गया निवेश शुभ और लाभकारी माना जाता है। सर्राफा बाजार में इस बार ज्वैलरी, सिक्के और पूजा के सामान की खरीदारी पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रही है। सोने और चांदी के भावों में लगभग 30% की वृद्धि रही, जिससे पिछले वर्ष धनतेरस पर किए गए निवेशकों को इस वर्ष अच्छा लाभ प्राप्त हुआ।
वजन में कमी, पर निवेशकों की रुचि बरकरार
बिक्री के वजन के लिहाज से पिछले वर्ष की तुलना में कमी रही, लेकिन सभी वर्गों ने अपनी क्षमता के अनुसार निवेश किया। भावों में वृद्धि ने निवेशकों के लिए खरीदारी को और आकर्षक बना दिया है और बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है।
बर्तन बाजार में भी आई तेजी
धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा को भी इस वर्ष लोगों ने बनाए रखा। अग्रवाल बर्तन भंडार के संचालक अर्पित गोयल ने बताया कि कोरोना के बाद लोगों की पसंद में बदलाव आया है। पहले स्टील के बर्तनों की मांग थी, लेकिन अब कांसा, पीतल और तांबे के बर्तनों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इस वर्ष बर्तन बाजार में कांसे के बर्तन 1700 रु. प्रति किलो, तांबा 1200 रु. प्रति किलो, पीतल 900 रु. प्रति किलो, और स्टील के बर्तन 200 से 250 रु. प्रति किलो में बिके।
बर्तन विक्रेता ऋषभ गोयल के अनुसार पिछले साल की तुलना में 10% अधिक कारोबार हुआ। नॉनस्टीक कुकवेयर की मांग अब कम होने लगी है। पारम्परिक कांसा, तांबा और पीतल के बर्तनों की मांग अधिक रही।
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