अखिलेश यादव का योगी पर तंज : सीएम को आउटसोर्स करने का समय, 2027 में जनता लाएगी बदलाव
जब भाजपा जाएगी तभी आरक्षण बचेगा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आउटसोर्स करने की जरूरत है
इटावा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आउटसोर्स करने की जरूरत है। यहां अपने पैतृक गांव सैफई में समाजवादी समर्थकों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने कहा आज चाहे आउटसोर्सिंग के भरोसे की बात कही जाए या किसी और की वास्तव में अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही आउटसोर्स करने की जरूरत है। यादव ने कहा कि आगामी 2027 का विधानसभा चुनाव जनता का बदलाव लाने वाला जनादेश साबित होगा। जब भाजपा जाएगी तभी आरक्षण बचेगा, संविधान सुरक्षित रहेगा, गरीबों को सम्मान मिलेगा। विकास तभी होगा, इलाज गरीबों को तभी मिलेगा, रोजगार तभी मिलेगा।
यही हमारी जनता की अपेक्षा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो यह दावा किया गया था कि इससे व्यापारिक व्यवस्था सरल होगी और कारोबारियों को फायदा पहुंचेगा लेकिन अब भाजपा सरकार गरीबों को राहत देने के नाम पर जीएसटी स्लैब में बदलाव करने को मजबूर हो चुकी है। उन्होंने सवाल उाए कि यह बदलाव असल में किसके हित में किया जा रहा है। यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के समय यह वादा किया गया था कि इससे कारोबारियों को सरल व्यवस्था मिलेगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा लेकिन अब सरकार ने गरीबों के हित के नाम पर जीएसटी स्लैब में बदलाव करने की स्थिति स्वीकार की है। उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार अब तक कौन मुनाफा कमा रहा था और किसको फायदा पहुंचाया जा रहा है। यादव ने कहा कि अब चुनाव तक लगभग एक साल का समय बचा है। हम भाजपा सरकार के नौ बजट देख चुके हैं, आखिरी बजट आने वाला है। दिल्ली की सरकार तीसरी बार चल रही है। फिर भी हालात खराब होते जा रहे हैं। हर बार यह बताया गया कि जीएसटी से व्यापार बेहतर होगा, लेकिन इसके उलट अब कई संशोधन करना पड़े। गरीबों को लाभ पहुंचाने के नाम पर स्लैब में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी की आदतें इतनी गहराई से जड़ें जमा चुकी हैं कि कोई भी संशोधन उसे नहीं रोक सकता। उदाहरण देते हुए कहा कि पारले जी का बिस्किट, साबुन का पैकेट, क्रीम का डिब्बा छोटे कर दिए गए थे। क्या अब ये बड़े पैकेट में वापस आएंगे? भाजपा राज में मुनाफाखोरी की आदतें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि उनका कोई इलाज नहीं है।

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