एकता का महायज्ञ बनेगा महाकुंभ 2025: मोदी
संगम पर गंगा की पूजा करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मोदी ने कहा कि हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है
महाकुम्भ नगर। प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने शुक्रवार को संगम नगरी प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को एकता का महायज्ञ बताते हुए कहा कि धार्मिक आस्था का यह संगम देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पहचान को नए शिखर पर पहुंचाएगा। मोदी ने प्रयागराज में 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण किया और बहुभाषिनी एआई चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक’ का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया नगर बसाने का महा अभियान, प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है। मैं विश्वास और श्रद्धा के साथ कहता हूं कि अगर इस महाकुम्भ का वर्णन एक वाक्य में करना हो तो मैं कहूंगा यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी।
हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश
मोदी ने कहा कि हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका सहयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप, यह प्रयाग है। यह केवल तीन पवित्र नदियों का ही संगम नहीं है, प्रयाग के बारे में कहा गया है कि माघ मकरगत रवि जब होई, तीरथ पतिहिं आव सब कोई...अर्थात जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महर्षि, मनीषी प्रयाग में आ जाते हैं। यह वह स्थान है जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। प्रयाग वह है जहां पग-पग पर पवित्र स्थान है, जहां पग पग पर पुण्य क्षेत्र हैं।
Comment List