राजस्थान हाईकोर्ट को चौथी बार बम से उड़ाने की धमकी : परिसर में लगातार भय और असुरक्षा का माहौल, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
40 दिनों में चौथी धमकी से बढ़ी चिंता
राजस्थान हाईकोर्ट में एक बार फिर बम धमकी का मेल मिलने से हड़कंप मच गया। लगातार दूसरे दिन और पिछले 40 दिनों में यह चौथी बार है जब हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। ताज़ा धमकी का ई-मेल रजिस्ट्रार के पास पहुंचा, जिसके बाद एक बार फिर पूरे परिसर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में एक बार फिर बम धमकी का मेल मिलने से हड़कंप मच गया। लगातार दूसरे दिन और पिछले 40 दिनों में यह चौथी बार है जब हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। ताज़ा धमकी का ई-मेल रजिस्ट्रार (सीपीसी) के पास पहुंचा, जिसके बाद एक बार फिर पूरे परिसर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया। सूचना मिलते ही डॉग स्क्वॉड और बम डिटेक्शन स्क्वॉड की टीमें हाईकोर्ट परिसर में पहुंचीं और पूरे क्षेत्र को खाली करवाकर सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया। सुरक्षा कारणों के चलते आज होने वाली सभी सुनवाइयों को स्थगित कर दिया गया, जिससे न्यायिक प्रक्रिया बाधित हुई।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल : लगातार धमकियों के बावजूद मेल भेजने वाले का अब तक पता न चल पाना पुलिस की जांच पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों और अधिवक्ताओं ने चिंता जताई है कि यदि फर्जी धमकियों को भी गंभीरता से निपटाया नहीं गया तो भविष्य में सुरक्षा में बड़ी चूक हो सकती है।
40 दिनों में चौथी धमकी से बढ़ी चिंता : हाईकोर्ट को पहली धमकी 31 अक्टूबर को मिली थी, जबकि 5 दिसंबर और 8 दिसंबर को भी इसी तरह के धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे। हर बार की तरह इस बार भी अदालत परिसर को खाली करवाना पड़ा, जिससे कर्मचारियों, वकीलों और आम जनता में लगातार भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
न्यायिक कार्य प्रभावित, व्यवस्था पर असर : लगातार फर्जी धमकियों के कारण अदालत की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। सुनवाई बार-बार प्रभावित होने से मामलों के निपटान में देरी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति न केवल सुरक्षा जोखिम बढ़ाती है, बल्कि न्यायिक प्रणाली की कार्यकुशलता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस धमकी भेजने वाले की पहचान करने के प्रयास तेज़ कर चुकी है

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