जाखड़ गिरफ्तारी मामले में डीजी से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल : आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं
पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया
गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों पर सवाल खड़े करते हुए आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की। डीजीपी ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया।
जयपुर। राजस्थान विवि में आरएसएस के कार्यक्रम में कथित तोड़फोड़ प्रकरण में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ के मुद्दे पर पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी राजीव शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों पर सवाल खड़े करते हुए आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की। डीजीपी ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया।
पोस्टर फाडने वाली जगह पर नहीं था आरएसएस का कार्यक्रम
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए डोटासरा ने कहा कि आरएसएस के कार्यक्रम को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ता प्रशासन से विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मांग रहे थे। अनुमति नहीं मिलने पर कार्यकर्ता झंडे लेकर चले गए और सांकेतिक प्रदर्शन किया था। जहां एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पोस्टर फाड़ा, वहां पर आरएसएस का कार्यक्रम नहीं चल रहा था, उन्होंने कार्यक्रम अलग जगह किया था। इसमें केवल पोस्टर फाडने पर 151 का मामला बनता था, लेकिन गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं
कार्यकर्ताओं की गाड़ियां तोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर प्रशासन ने क्या कार्रवाई की, जबकि वो वीडियो में नजर आ रहे हैं। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को संघ के 20-25 कार्यकर्ताओं ने पीटा था,उन पर कब कार्रवाई होगी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पुलिस संघ के इशारे पर काम कर रही है, अगर दलित और ओबीसी का बच्चा है तो उसे जेल डाल दो। जूली ने मांग करते हुए कहा कि संघ की दर्ज कराई एफआईआर की भी निष्पक्ष जांच हो। एनएसयूआई राष्टÑीय अध्यक्ष वरूण चौधरी ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। आरएसएस-भाजपा की सरकारें बहुजन विरोधी हैं, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।

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