आईटीओ शैलेंद्र भंडारी को अवैध संपत्ति केस में 4 साल की सजा : सीबीआई ने रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार, 27 लाख का जुर्माना भी लगाया
सदस्यों के नाम पर 91.31 लाख रुपए की संपत्ति अर्जित
जोधपुर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पूर्व आयकर अधिकारी शैलेंद्र भंडारी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें चार साल की साधारण कैद और 27 लाख रुपए जुर्माने की सुनाई सजा । 2015 में रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद जांच में यह संपत्ति आई थी सामने।
जोधपुर। जोधपुर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पूर्व आयकर अधिकारी शैलेंद्र भंडारी को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की साधारण कैद और 27 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जोधपुर के स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज भूपेंद्र सनाढ्य ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर भगवानसिंह भंवरिया ने बताया कि वर्ष 2015 में सीबीआई जोधपुर की टीम ने इनकम टैक्स विभाग के आईटीओ शैलेंद्र भंडारी और चीफ कमिश्नर पीके शर्मा तथा बिचौलिए ज्वैलर को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही दोनों अफसरों के खिलाफ की गई जांच में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के तथ्य भी सामने आए थे।
उसी आधार पर दोनों के खिलाफ अलग केस दर्ज किए गए थे। सीबीआई की जांच में यह पाया गया कि एक अप्रैल 2006 से 31 मार्च 2015 की अवधि के दौरान भंडारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 91.31 लाख रुपए की संपत्ति अर्जित की। इन संपत्तियों में आभूषण, घरेलू सामान, नकदी, बैंक बैलेंस, वाहन, शेयर और अचल संपत्ति शामिल थी। इसी अवधि में उनकी कुल वैध आय 61.25 लाख रुपए थी जबकि कुल व्यय 29.74 लाख रुपए था।

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