जेडीबी के सामने वाले घोड़े जल्द ही तालाब में दौड़ते दिखेंगे

नगर विकास न्यास ने शुरू किया काम : तालाब की पाल पर चारदीवारी की जगह लगने लगी लोहे की रैलिंग

जेडीबी के सामने वाले घोड़े जल्द ही तालाब में दौड़ते दिखेंगे

कुछ समय पहले तक जेडीबी कॉलेज के सामने लगे घोड़े शीघ्र ही किशोर सागर तालाब में दौड़ते नजर आएंगे। नगर विकास न्यास ने इसका काम भी शुरू कर दिया है।

कोटा । कुछ समय पहले तक जेडीबी कॉलेज के सामने लगे घोड़े शीघ्र ही किशोर सागर तालाब में दौड़ते नजर आएंगे। नगर विकास न्यास ने इसका काम भी शुरू कर दिया है।  कांग्रेस के पिछले शासन काल में नगर विकास न्यास द्वारा जेडीबी कॉलेज के सामने घोड़े लगाए गए थे। उन घोड़ों के बीच-बीच में फव्वारे लगे हुए थे। रात के समय रोशनी से जगमग फव्वारों के बीच लगे घोड़े दौड़ते हुए नजर आते थे। लेकिन अब उन घोड़ों को वहां से हटा दिया है। उनकी जगह पर अब वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु व लोह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की आपस में बात करते हुए बैठी हुई मूर्तियां लगाई जाएंगी। जेडीबी कॉलेज के सामने से हटाए गए घोड़ों को अब किशोर सागर तालाब में लगाया जाएगा। न्यास ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पानी के नीचे बनेगा पैडेस्टल
नगर विकास न्यास के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सत्येश्वर महादेव मंदिर से कोटड़ी चौराहे के बीच तालाब की चार दीवारी से करीब 100 मीटर दूर पानी के अंदर पैडेस्टल बनाया जाएगा। पानी के अंदर करीब 8 मीटर नीचे तक पैडेस्टल बनेगा। वह तालाब में पानी की सतह तक होगा। उस पैडेस्टल पर घोड़ों कीे 9 मूर्तियां लगाई जाएगी। पैडेस्टल बनाने के लिए तालाब के बीच तक जाने का  अस्थायी रास्ता बनाने का काम शुरू हो गया है। लकड़ी की पाल बनाई जा रही है। जहां तक वह पाल है उसी जगह पर पैडेस्टल बनाया जाएगा।

चार करोड़ से हो रहा काम
नगर विकास न्यास द्वारा करीब 4 करोड़ रुपए से यह काम कराया जा रहा है। इस काम को शुरू कर दिया है। जिसके पूृरा होने में करीब दो माह का समय लगेगा।

चार दीवारी हटाकर लोहे की रैलिंग लगना शुरू
न्यास सूत्रों के अनुसार सत्येश्वर महादेव मंदिर से कोटड़ी चौराहे तक सड़क की साइड पर बनी करीब 3 फीट की चार दीवारी को हटाया जा रहा है। उसके स्थान पर करीब 4 फीट ऊंचाई कीे लोहे की रैलिंग लगाई जा रही है। जिससे उस रोड से गुजरने वालों को तालाब में घोड़े आसानी से नजर आ सकेंगे।  वहीं कुछ लोगों का कहना है कि तालाब की पाल की चार दीवारी सही बनी हुई है। उसे जबरन हटाकर जनता के धन का दुरूपयोग किया जा रहा है। जबकि लोहे की रैलिंग लगाने का कोई लाभ नहीं होगा। पहले भी स्मैकची लोहे की रैलिंग को चोरी कर ले जा चुके हैं।

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