आमागढ़ क्या खास: सैलानियों की पसंद तारा, सृष्टि से ज्यादा जलेबी और राणा
लॉयन, हाथी सवारी से ज्यादा झालाना लेपर्ड रिजर्व सैलानियों की पहली पसंद , वन विभाग से मिले आंकडे दे रहे गवाही
जयपुर में पर्यटक किले, महल, संग्रहालयों और स्मारकों के बाद अब सैलानी वाइल्ड लाइफ की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। शहर में झालाना लेपर्ड सफारी के बाद अब आमागढ़ लेपर्ड सफारी शुरू हो गई है।
जयपुर। जयपुर में पर्यटक किले, महल, संग्रहालयों और स्मारकों के बाद अब सैलानी वाइल्ड लाइफ की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। शहर में झालाना लेपर्ड सफारी के बाद अब आमागढ़ लेपर्ड सफारी शुरू हो गई है।इससे पहले आमेर महल में हाथी सवारी करने के साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित लॉयन सफारी में सैलानी प्योर एशियाटिक लॉयन देखने आते हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि पर्यटकों में हाथी सवारी और लॉयन सफारी से ज्यादा लेपर्ड सफारी का क्रेज है। कहा जाए तो शेर से ज्यादा सैलानी झालाना लेपर्ड रिजर्व में बघेरे देखने में ज्यादा रूचि ले रहे हैं। वन विभाग से मिले आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं।
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शेर से ज्यादा बघेरे देखने में दिलचस्पी वन विभाग के अनुसार नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित लॉयन सफारी में सैलानी प्योर एशियाटिक शेरनी तारा, सृष्टि और शेर त्रिपुर को निहारते हैं, लेकिन झालाना लेपर्ड सफारी आकर बघेरा राणा, बहादुर, फ्लोरा, नथवाली, मिसेज खान, गजल, जलेबी सहित अन्य बघेरे देखने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। दूसरी ओर आमेर महल में हाथी स्टैण्ड से संचालित होने वाली हाथी सवारी के प्रति भी सैलानियों में उत्साह कम है। विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने से यहां सवारी में संख्या बढ़ सकती है।
आंकड़े अप्रैल 2021 से मार्च, 2022 तक | |
झालाना लेपर्ड रिजर्व : | 35,130 सैलानी आए |
लॉयन सफारी : | 14,321 सैलानी आए |
आमेर महल हाथी सवारी में 4780 राउंड में 9 हजार से अधिक पर्यटक आए। |
इस समय झालाना लेपर्ड रिजर्व फुल चल रही है। सैलानियों में लेपर्ड देखने का क्रेज देखा जा रहा है। -अजय चित्तौड़ा, उप वन संरक्षक (वन्यजीव), चिड़ियाघर जयपुर
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