विश्व ऊंट दिवस,ऊष्ट्र प्रदर्शनी एवं पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित
ऊंट प्रजाति है औषधि का भण्डार: डॉ साहू
बीकानेर। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, एनआरसीसी बीकानेर के निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि ऊंट को यदि औषधि भण्डार, कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
बीकानेर। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, एनआरसीसी बीकानेर के निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि ऊंट को यदि औषधि भण्डार, कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। डॉ. साहू बुधवार को विश्व ऊंट दिवस पर एनआरसीसी बीकानेर परिसर में आयोजित कार्यक्रम को कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधानों में ऊंटनी का दूध, मधुमेह, क्षय रोग, आॅटिज्म आदि में कारगर साबित हुआ है।
मुख्य अतिथि वेटरनरी विवि बीकानेर के कुलपति प्रो. एसके गर्ग ने कहा कि ऊंट पालकों को ऊंटनी के अधिक से अधिक दूध का उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए।इसका सकारात्मक असर ऊंटों की संख्या पर भी होगा। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानुप्रताप ढाका ने ऊष्ट्र डेयरी या पर्यटनीय सजावटी ऊंट जैसे मॉडल तैयार करने की बात कही। केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर के निदेशक डॉ. दिलीप कुमार समादिया ने कहा कि बागवानी खेती से पशुपालन व्यवसाय को अधिकाधिक लाभ मिल सकता है। राजुवास के अधिष्ठाता, सीवीएएसए डॉ. आरके सिंह व किसान प्रतिनिधि के रूप में श्रीगोपाल उपाध्याय ने भी विचार रखे।
ऊष्ट्र प्रदर्शनी एवं पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित
विश्व ऊंट दिवस के उपलक्ष्य पर एनआरसीसी द्वारा ऊष्ट्र प्रदर्शनी एवं पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित सर्वश्रेष्ठ नर ऊंट प्रतियोगिता में इमरान खान ने प्रथम, रफीक खान ने द्वितीय, नैनूराम ने तृतीय तथा मुरली गहलोत व महमूद खान ने सांत्वना पुरस्कार अर्जित किया। सजावटी ऊंट प्रतियोगिता में संजय खान ने प्रथम, इमरान ने द्वितीय, महमूद ने तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार नैनूराम प्राप्त किया। डॉ. वेद प्रकाश ने आभार जताया।
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