प्रदेश में हजारों की संख्या में सूख रहे है पेयजल स्रोत, भूजल स्तर में गिरावट
हेडपंप पानी मुहैया करवाने में असमर्थ स्थापित हो रहे हैं
ऐसे में आवश्यकता के अनुसार जलदाय विभाग की ओर से नए हेडपंप और नलकूप होते जा रहे हैं। जिन स्थानों पर पेयजल के कोई स्रोत नहीं है वहां पर डिमांड के अनुसार टैंकरों से पानी सप्लाई की जा रही है।
जयपुर। प्रदेश के शहरी में ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य लोगों की प्यास बुझाने के लिए जलदाय विभाग की ओर से लगाए जाने वाले मुख्य पेयजल स्रोत नलकूप और हेडपंप हर साल हजारों की संख्या में सूख रहे हैं। पिछले 2 साल में प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 85,000 हेडपंप सूख चुके हैं। जलदाय विभाग की ओर से हेडपंप की मरम्मत को लेकर हर साल अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन भू जल स्तर में गिरावट होने के कारण यह हेडपंप पानी मुहैया करवाने में असमर्थ स्थापित हो रहे हैं।
इसके साथ ही विभिन्न जिलों में 20 हजार नलकूप ड्राइ हो चुके हैं। वर्तमान में तापमान में बढ़ोतरी के साथ चारों तरफ पानी की त्राहिमाम है। ऐसे में आवश्यकता के अनुसार जलदाय विभाग की ओर से नए हेडपंप और नलकूप होते जा रहे हैं। जिन स्थानों पर पेयजल के कोई स्रोत नहीं है, वहां पर डिमांड के अनुसार टैंकरों से पानी सप्लाई की जा रही है। विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा का कहना है कि आवश्यकता अनुसार पेयजल मुहैया करवाने के हर तरह से प्रयास किया जा रहे हैं।
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