बिना एनओसी नहीं कर सकेंगे अतिभूजल दोहन, नए ट्यूबवैल का कराना होगा रजिस्ट्रेशन

कुओं का डेटाबेस तैयार किया जाएगा

बिना एनओसी नहीं कर सकेंगे अतिभूजल दोहन, नए ट्यूबवैल का कराना होगा रजिस्ट्रेशन

केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की ओर से भूजल को नियंत्रित करने के लिए कई बार संशोधित दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

जयपुर। प्रदेश में अतिभूजल दोहन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। अर्थात अधिक भूजल दोहन करने पर रोक लगाते हुए दोहन पर एनओसी की अनिवार्यता की है। साथ ही नए ट्यूबवैल और कुएं खोदने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। बोरवेल में बच्चों की गिरने की घटनाओं को देखते हुए पंजीयन अनिवार्य किया गया है। पंजीकृत ट्यूबवैलों और बनाए गए कुओं का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। आदेशों की पालना नहीं करने पर ट्यूबवैल और कुओं को सील कर दिया जाएगा और बिजली कनेक्शन काटे जाएंगे। भूजल विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। केवल पीने के पानी के लिए नलकूप व कुएं से पानी का दोहन किया जा सकेगा, इसके अलावा उद्योग बिना एनओसी भूजल दोहन नहीं कर सकेंगे। राज्य के कुल 302 ब्लॉकों में से 216 में अतिभूजल दोहन किया जा रहा है। केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की ओर से भूजल को नियंत्रित करने के लिए कई बार संशोधित दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

इन श्रेणियों को एनओसी की अनिवार्यता में छूट
- व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ता
- ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाएं
- सरकारी प्रतिष्ठान और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल प्रतिष्ठान
- छोटे और लघु उद्योग (जो 10 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन से कम भूजल निकालते हैं)
- सभी उद्योग-खनन जो केवल पीने-घरेलू उपयोग के लिए 5 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन तक भूजल निकालते हैं
- आवासीय अपार्टमेंट और गु्रप हाउसिंग प्रोजेक्ट
- सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आवासीय इकाइयां प्रोजेक्ट

वर्षा जल संचयन के लिए हार्वेस्टिंग जरूरी
आदेशों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करना भी अनिवार्य किया गया है ताकि बरसात के पानी का संचयन किया जा सके। डिजिटल जल प्रवाह मीटर लगाए जाएंगे। इससे पानी के दोहन का पता चल सकेगा। 

एक्शन लेने के दिए अधिकार
केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण ने भूजल दोहन के लिए एनओसी का उल्लंघन करने वालों, एनओसी के लिए आवेदन नहीं करने वालों के खिलाफ  कार्रवाई करने का जिला कलक्टर और प्रत्येक राजस्व अधिकारी को अधिकार दिए हैं। सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों से यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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Tags: water

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