उदयपुर हत्याकांड: कन्हैया का अंतिम संस्कार, उमड़ा जन सैलाब, सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी, अनिश्चिकाल के लिए इंटरनेट बद
परीक्षार्थियों और जरुरी सेवा देने वालों को कर्फ्यू में छूट
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल का उनकी हत्या के दूसरे दिन बुधवार को यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि कुछ समय के लिए उनके पार्थिव देह को शमशान में रखकर परिजनों ने दरिंदों को फांसी की मांग की। वहीं इससे पहले कन्हैया का पार्थिव देह जब उनके घर से शमशान तक लाया गया तो उनके अंतिम संस्कार में मानो उदयपुर का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल का उनकी हत्या के दूसरे दिन बुधवार को यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि कुछ समय के लिए उनके पार्थिव देह को शमशान में रखकर परिजनों ने दरिंदों को फांसी की मांग की। वहीं इससे पहले कन्हैया का पार्थिव देह जब उनके घर से शमशान तक लाया गया तो उनके अंतिम संस्कार में मानो उदयपुर का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
सख्त फांसी की सजा देने की मांग
उदयपुर में दर्जी का काम कर रहे कन्हैयालाल की मंगलवार को दो व्यक्तियों ने कपड़े का नाप देने के बहाने घुसकर धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इसके बाद उदयपुर तनाव व्याप्त हो गया और सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। घटना के बाद कन्हैया लाल के शव को लेकर प्रदर्शन शुरु कर दिया था बाद में उनके अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन एवं पुलिस ने प्रयास किया और उनके आश्रितों को राज्य सरकार के 31 लाख का मुआवजा देने एवं संविदा पर नौकरी देने के आश्वासन के बाद आज दोपहर में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार में लोगों की भारी भीड़ शामिल हुई और वह आरोपियों को सख्त से सख्त फांसी की सजा देने की मांग कर रही थी।
कन्हैया के घर में कोहराम
इससे पहले पोस्टमार्टम के बाद कन्हैयालाल का शव घर ले जाया गया, तो घर में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी जशोदा ने कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए, नहीं तो ये लोग कई लोगों को मारेंगे। घटना के विरोध में पूरा शहर बंद है। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात हैं।
उदयपुर में सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू दूसरे दिन भी जारी
राजस्थान के उदयपुर में एक युवक की हत्या के बाद उत्पन्न तनाव के मध्यनजर लगाए गए सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस मामले के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच शुरू कर दी है। वहीं पूरे मामले की जांच एनआईए कर रही है। मामले में 'UAPA' के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं प्रदेश में अनिश्चकाल के लिए इंटरनेट सुविधा बंद की गई है। पहले इंटरनेट 24 घंटों के लिए बंद किया गया था। लेकिन अफवाहों पर रोक लगाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अग्रिम आदेश तक इंटरनेट सेवा बाधित की गई है। संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा ने इस संबंध में आदेश जारी किये है।
परीक्षार्थियों और जरुरी सेवा देने वालों को कर्फ्यू में छूट
उदयपुर के धान मंडी, घंटाघर, हाथीपोल, अम्बामाता, सूरजपोल, भूपालपुरा एवं सविना थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी है और इस दौरान कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं है। इस दौरान हालांकि परीक्षार्थियों और जरुरी सेवा देने वाले कर्मियों को कर्फ्यू से छूट दी गयी है। पुलिस महानिरीक्षक(एटीएस) प्रफुल्ल कुमार के अनुसार एसआईटी उदयपुर पहुंच गयी है और उसने जांच शुरू कर दी है। वह बर्बर हत्याकांड से संबंधित सभी पहलुओं की जांच करेगी। वहीं इस मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी( एनआईए) की टीम भी उदयपुर पहुंच गई है।
सभी जिलों में पुलिस चौकसी बढ़ाई
इस मामले के बाद उदयपुर सहित राज्यस्थान के सभी जिलों में एहतियात के लिए पुलिस चौकसी बढ़ा दी गयी है और उदयपुर, जयपुर भीलवाड़ा, अजमेर, नागौर सहित कई जिलों में इंटर सेवा को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। इस मामले से जुड़े दो मुख्य आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से गिरफ्तार किया था और उनकी निशानदेई पर राजसमंद से तीन और आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। सभी से पूछताछ जारी है। उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कार्यक्रमों को छोड़कर जयपुर पहुंच गए हैं और कानून-व्यवस्था को लेकर उच्चस्तरीय बैठक ली हैं।
उदयपुर घटना के पीछे विद्वेष की भावना लिए कोई एजेंसी कर रही काम-कटारिया
राजस्थान में उपनेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि उदयपुर में युवक की हत्या के पीछे जिहादी एवं तालीबानी स्वभाव के लोग अपनी बात जनता में पहुंचाने का प्रयास एवं विद्वेष की भावना मन में लिए कोई एजेंसी काम कर रही हैं। कटारिया ने आज मीडिया से यह बात कही। उन्होंने कहा कि पुलिस की जानकारी में था और कन्हैया लाल ने सुरक्षा भी मांगी थी। वह अपनी दुकान को भी बंद रखा और मंगलवार को दुकान खोलते ही उसकी हत्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नुपुर शर्मा को लेकर टिप्पणी करने पर मुकदमा दर्ज होता है और वह इस मामले में जमानत पर बाहर आते ही सुरक्षा की मांग की जाती है कि लेकिन उसकी हत्या हो जाती हैं, क्या पुलिस की कोई जिम्मेदारी नहीं। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े अधिकारी से लेकर सब जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर समस्या के समाधान के प्रयास होते तो ऐसी घटना नहीं होती।
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