पाकिस्तान में जबरन अपने सुरक्षा गार्ड तैनात करना चाहता है चीन

चीन ने यह अनुमति ऐसे समय पर मांगी है जब उसके नागरिकों पर बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में कई जानलेवा हमला हुए हैं।

पाकिस्तान में जबरन अपने सुरक्षा गार्ड तैनात करना चाहता है चीन

पाकिस्तान और उसके सदाबहार दोस्त चीन के बीच चीनी सुरक्षाकर्मियों के मुद्दे पर तनाव बढ़ गया है। चीन पाकिस्तान में अपने नागरिकों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए चीनी सुरक्षा गार्ड तैनात करना चाहता है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान और उसके सदाबहार दोस्त चीन के बीच चीनी सुरक्षाकर्मियों के मुद्दे पर तनाव बढ़ गया है। चीन पाकिस्तान में अपने नागरिकों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए चीनी सुरक्षा गार्ड तैनात करना चाहता है। पाकिस्तान इसका खुलकर विरोध कर रहा है। चीन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर पिछले दिनों बीजिंग यात्रा के दौरान सुरक्षा गार्ड तैनात करने की अनुमति देने के लिए दबाव डाला था। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव पर अब चीन ने चुप्पी साध ली है। चीन ने यह अनुमति ऐसे समय पर मांगी है जब उसके नागरिकों पर बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में कई जानलेवा हमला हुए हैं। मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने चीन के सुरक्षा मंत्रालय के अनुरोध का कड़ा विरोध किया है। चीनी मंत्रालय के सुरक्षा गार्ड तैनात करने की मांग पर पाकिस्तान ने कहा कि उसके सुरक्षा बल चीनी नागरिकों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने में सक्षम हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने इस संबंध में पूछे गए एक सवाल को टाल दिया।


बलूच विद्रोहियों ने सीपीईसी परियोजना पर कई हमले किए

चीनी प्रवक्ता ने कहा कि बीजिंग और इस्लामाबाद आपस में संपर्क में हैं और पाकिस्तान के अंदर चीनी नागरिकों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए समन्वय कर रहे हैं। इससे पहले जापानी मीडिया ने खुलासा किया था कि चीन अपनी सुरक्षा कंपनी को पाकिस्तान में तैनात करना चाहता है ताकि अपने नागरिकों की बलूच विद्रोहियों के हमले से रक्षा की जा सके। चीन इसके लिए पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है जिसका इस्लामाबाद की ओर से कड़ा विरोध किया जा रहा है। पाकिस्तान में हाल के वर्षों में चीन के नागरिकों पर कई भीषण हमले हुए हैं। चीन ने पाकिस्तान में चल रही सीपीईसी परियोजना में 60 अरब डॉलर का निवेश किया है। हाल ही में एक महिला बलूच विद्रोही ने आत्मघाती बम हमला करके चीनी शिक्षकों से भरी वैन को उड़ा दिया था। इस हमले में 3 चीनी नागरिक मारे गए थे। इसके बाद चीन के सभी शिक्षक पाकिस्तान छोड़कर वापस चले गए थे। इससे पहले भी बलूच विद्रोहियों ने सीपीईसी परियोजना पर कई भीषण हमले किए हैं। इसके अलावा टीटीपी आतंकी भी चीन के नागरिकों पर कई हमले कर चुके हैं। चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान ने अलग से एक सैन्य बल बनाया है लेकिन लगातार अपने नागरिकों की हत्या से चीन हताश हो गया है।

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