किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालकों के लिए बना माथापच्ची
बैंक अधिकारी नहीं ले रहे है रूचि, नैनवां क्षेत्र के पशुपालक है परेशान
पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर है। बैंकों में भी अपने चुनिंदा चहेतो को किसान क्रेडिट कार्ड बना कर लोन दिया जा रहा है। ऐसे में पशुपालकों में रोष है।
नैनवां। पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर है। बैंकों में भी अपने चुनिंदा चहेतो को किसान क्रेडिट कार्ड बना कर लोन दिया जा रहा है। ऐसे में पशुपालकों में रोष है। बैंकों के अधिकारी भी पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में रूचि नहीं दिखा रहे है। इसके चलते पशुपालकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सीमांत किसान अथवा भूमीहीन किसान भी पशुपालन करके अपनी जीविका चला सके, ऐसे किसानों को पशुक्रय करने के लिए सेठ साहूकारो के पास जाना नहीं पड़े इसलिए किसानों की मांग पर सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाने की योजना शुरू की गई थी। बून्दी जिले में लोक सभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा इस योजना में लाभांन्वित पशुपालकों को बैंक द्वारा ऋण जारी करने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में पशुपालकों को लगा था कि उनको भी पशुओं पर केसीसी मिल जायेगी। वे दूधारू मवेशी खरीदकर अपना परिवार का गुजरा कर सकेंगे।
सरकार की इस योजना को लेकर पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालको के आवेदन पूर्ण करके बैंकों के पास भेजे गए। लेकिन बैंक अधिकारियों ने इस योजना में कोई रूचि नहीं दिखाई। केवल सरकार के निर्देशों की पालना में कुछ लोगों के आवेदन स्वीकृत करके लिस्ट भेज दी। टारगेट पूर्ण होने का बहाना - क्षेत्र के किसान हर रोज बैंकों के चक्कर लगा रहे है। बैंक में जाने पर जानकारी मिलती है कि उनके पास जितना टारगेट आया था वह पूर्ण हो चुका है। अब किसी का कोई किसान क्रेडिट नहीं बनेगा। किसानों ने बताया कि बैंक के अधिकारी मनमानी कर रहे है। कुछ किसानों से टारगेट पूर्ण होने का बहाना बना दिया जाता है। इसके बाद भी अपने मिलने वाले किसानों के आवेदन को स्वीकृत करके उनको किसान क्रेडिट बनाए जा रहे है। इसके अलावा कुछ किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि बैंक किसान क्रेडिट पर कितना लोन देगें। कौनसा बीमा की प्रिमियम काटी जायेगी इसका भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा है। यही हाल सभी बैंकों का है। लेकिन किसानों की कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।
आवेदन हजारों की संख्या में,फायदा कुछ लोगों को
पशुपालकों को जमीन की केसीसी की तर्ज पर पशुपालकों को पशुओं पर ऋण देने के लिए ग्रामीण क्षेत्र सहित शहरी क्षेत्र के हजारों किसानों ने पशुपालन विभाग के माध्यम से आवेदन किया गया था। लेकिन अभी तक महज कुछ पशुपालकों को किसान क्रेडिट बन पाये हैै। शेष रहे किसान अभी तक भी बैंके के चक्कर लगा रहे है।
कोरमा निवासी पशुपालक ओम शंकर नागर ने बताया कि उन्होंने पशुपालन विभाग द्वारा एप्रुड आवेदन किया गया था। पशुपालन विभाग की ओर से एसबीआई बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए आवेदन भेज दिया है,लेकिन बैंक के अधिकारी उसके आवेदन पर रूचि नहीं दिखा रहे है। वे कई बार चक्कर लगा चुके है। लेकिन कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिल पा रहा है। वहीं खानपुरा निवासी कैलाश गुर्जर ने बताया कि उन्होंने भी पशुपालन विभाग से एप्रुड आवेदन कॉपरेटिव सहकारी बैक में किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए आवेदन किया गया था लेकिन अभी तक उसके पास किसी प्रकार की जानकारी नहीं आ पाई है।
पशुपालकों को अधिक से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिले। लोक सभा स्पीकर ओमकृष्ण बिरला ने अधिकारियो को निर्देश जारी कर दिया है। लेकिन बैंक के अधिकारी किसान क्रेडिट कार्ड बना कर लोन देने में रूचि नहीं ले रहे है। कई किसानों की समस्याएं उनके पास भी आ चुकी है। वे स्वयं एक बार व्यक्तिगत लोक सभा स्पीकर से मिल कर किसानों की समस्याओं से लोक सभा स्पीकर को अवगत करवाएंगे।
पदम कुमार नागर, प्रधान पं.स. नैनवां
बैंकों द्वारा अपने चेहतो को किसान क्रेडिट कार्ड बना कर लोन दिया जा रहा है। ऐसे में पशुपालकों में बैंक की कार्यशैली को लेकर रोष है,शीघ्र ही बैंक अधिकारियों ने शेष रहे पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी करके मवेशियों पर लोन दिया गया तो किसान महापंचायत के बैनर तले आन्दोलन किया जायेगा।
भरत लाल मीणा, तहसील अध्यक्ष किसान महापंचायत
बून्दी जिले के तीन हजार आवेदन बैंकों में भिजवाए गये है। शेष आवेदनों को भी बैंकों में भिजवाया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिले। उनको जरूरत के अनुसार मवेशियों पर लोन मिल सके।
के.एल युगल, जोइंट डायरेक्टर पशुपालन विभाग बून्दी
Comment List