कुल्हड़ में चाय परोसने का रेलवे का फरमान वेंडरों की गलफांस बना
जयपुर डिविजन के 15 स्टेशनों पर प्लास्टिक कप को ना, कुल्हड में मिलेगी चाय
रेलवे स्टेशनों पर अब तक प्लास्टिक के कप मे 150 एमएल चाय की दर पांच रुपए निर्धारित थी। ऐसे में यही चाय कुल्हड में परोसी जाती है तो लागत बढ़ जाती है। वर्तमान में कुल्हड का बाजार भाव दो रुपए प्रति कुल्हड है।
बांदीकुई। प्लास्टिक एवं सिंगल यूज पॉलीथिन मुक्त भारत अभियान के तहत उत्तर पश्चिम रेल प्रशासन की ओर से दो दिन पूर्व 15 रेलवे स्टेशनों पर मिट्टी के कुल्लड़ों का उपयोग करने के लिए जारी आदेश वेंडरों के लिए गलफांस बन गए । वैण्डर रेल प्रशासन के आदेशों की पालना करते है तो आर्थिक नुकसान से गुजरना होगा, नहीं करते है तो प्रशासन के नियमों का डंडा परेशानी में डालेगा। दरअसल 11 जुलाई को उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने आदेश जारी कर उत्तर पश्चिम रेलवे के अधीन जयपुर मंडल के जयपुर, दुर्गापुरा, गांधीनगर जयपुर, दौसा, बांदीकुई, अलवर, रेवाडी, फुलेरा, किशनगढ़, सीकर, झुझुंनू व नारनोल रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक कप की जगह मिट्टी के कुल्हडों में चाय परोसने के आदेश जारी किए थे।
इस आदेश से दम तोड़ चुके कुल्हड़ उघोग से जुड़े मुख्य रूप से कुम्हारोंं में खुशी है, लेकिन रेलवे स्टेशनो पर चाय के खोमचे का संचालन करने वाले वेंडर व स्टॉलों का संचालन करने वाले मायूस हो गए हंै। क्योकि रेल प्रशासन के नियम अनुसार रेलवे स्टेशनों पर अब तक प्लास्टिक के कप मे 150 एमएल चाय की दर पांच रुपए निर्धारित थी। ऐसे में यही चाय कुल्हड में परोसी जाती है तो लागत बढ़ जाती है। वर्तमान में कुल्हड का बाजार भाव दो रुपए प्रति कुल्हड है।
जबकि प्लास्टिक का कप बाजार मेंअच्छे से अच्छा 20 पैसे प्रति नग के मिल जाता है। बाजार में करीब 80 एमएल चाय प्लास्टिक के कुल्हड में पांच से सात रुपए में मिल जाती है। बताया जाता है कि रेल प्रशासन ने प्लास्टिक के कप में 150 एमएल चाय की पांच रुपए दर करीब 12 वर्ष पूर्व 2010 में निर्धारित की थी। इस अन्तराल में चाय की पत्ती, चीनी व दूध के भाव काफी बढ़ चुके हैं। इन सभी तथ्यों को लेकर फिलहाल वेंडर काफी परेशान है। अलबत्ता अभी रेल प्रशासन ने वेंडरों को आदेशों की पालना के लिए सख्ती से दबाव नहीं बनाया है।
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