बेटियों के जन्म से शादी तक की जिम्मेदारी उठाएगी सरकार
तीन महकमों की स्कीम का इंटीग्रेटेड सिस्टम बनेगा
राजस्थान में आज भी कई जगह बेटियों को बोझ समझा जाता है। लिहाजा बेटियों की परवरिश पर माता-पिता ज्यादा ध्यान नहीं देते। इसको लेकर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
जयपुर। राज्य सरकार बेटियों के जन्म से लेकर शिक्षा दिलाने और शादी होने तक की जिम्मेदारी संभालेंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग की योजनाओं का इंटीग्रेटेड सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसके बाद बेटियों को सरकारी योजनाओं का लाभ खुद ही मिल सकेगा। इस सिस्टम के बाद बेटियों के शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। राजस्थान में आज भी कई जगह बेटियों को बोझ समझा जाता है। लिहाजा बेटियों की परवरिश पर माता-पिता ज्यादा ध्यान नहीं देते। इसको लेकर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार के इंटीग्रेटेड सिस्टम में योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभागों में बार-बार आवेदन नहीं करना पड़ेगा। इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
तीन आईएएस को जिम्मेदारी
इंटीग्रेटेड सिस्टम की मॉनिटरिंग के लिए मुख्य सचिव उषा शर्मा ने तीन आईएएस डॉ. समित शर्मा, नवीन जैन और ओपी बैरवा को जिम्मेदारी सौंपी है। सिस्टम की क्रियान्विति को लेकर पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है। प्लान फाइनल होने से पहले मुख्यमंत्री को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इंटीग्रेटेड प्लान में ऐसे होगा काम
बेटियों के जन्म लेते ही चिकित्सा विभाग की योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। सभी टीकाकरण की जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग की होगी। बेटी की उम्र बढ़ते ही महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। बालिकाओं को स्कूल में दाखिल करने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी। पहले टीकाकरण, पोषाहार, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल में एडमिशन, बेटियों की शादी के लिए अनुदान आदि योजनाओं के लिए अलग-अलग आवेदन करना पड़ता था। इस कारण कई बेटियां योजनाओं से वंचित रह जाती थी।
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