सिंथेटिक ट्रैक बनने पर कोटा के धावकों की गति बढ़ेगी

राष्टÑीय व अन्तर राष्टÑीय स्तर पर पदक लाने की राह होगी आसान

सिंथेटिक ट्रैक बनने पर कोटा के धावकों की गति बढ़ेगी

एथलीट में अब कोटा के खिलाड़ी भी मिल्खा सिंह की तरह खेल दुनिया में परचम लहराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रोजाना कड़ा अभ्यास कर अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटे हुए है।

कोटा। भारत में कई खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपने खेल की दम पर अन्तरराष्टÑीय स्तर पर खूब नाम कमाया है। अलग-अलग खेल स्पर्धाओं में पदक लाकर देश का नाम रोशन किया है। एथलीट खेल में मिल्खा सिंह ने अपनी उड़ान भरकर देश को कई उपलिब्धयां दिलाई है। एथलीट में अब कोटा के खिलाड़ी भी मिल्खा सिंह की तरह खेल दुनिया में परचम लहराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रोजाना कड़ा अभ्यास कर अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटे हुए है। एथलीट खेल काफी पुराना है। पुराने जमाने में भी (एथलीट) दौड़ लगाने की प्रतियोगिताएं हुआ करती थी। समय बदलने के साथ इसमें निरन्तर बदलाव आता गया। गांवों के स्तर पर खेली जानी वाली दौड़ तेजी से विकसित होती हुई अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई। कोटा में भी एथलीट खिलाड़ियों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। सिंथेटिक ट्रैक हो रहा तैयार कोटा में एथलीट खिलाड़ियों के लिए राष्टÑीय व अन्तरराष्टÑीय स्तर की सुविधाएं नहीं है। खिलाड़ियों को सामान्य मैदान में ही दौड़ लगाकर अपनी तैयारी करनी पड़ती है। अब श्रीनाथपुरम स्थित स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक तैयार किया जा रहा है। गत दिनों इसका शिलान्यास हो चुका है। सिंथेटिक ट्रैक तैयार होने के बाद खिलाड़ियों को नेशनल स्तर की सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगी। राष्ट्रीय व अन्तरराष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिताएं सिंथेटिक ट्रैक पर ही होती है।

इस ट्रैक को ऑल वेदर ट्रैक के नाम से भी जाना जाता है। इसका मतलब है कि हर मौसम में चलने वाला ट्रैक। इस ट्रैक के बनने के बाद कोटा के खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में अपना जलवा दिखा पाएंगे। स्कूली बच्चे भी शामिल श्रीनाथपुरम स्टेडियम में स्कूली बच्चे भी एथलीट में खेल में रुझान दिखा रहे हैं। पिछले दो साल से कोरोना के चलते खेल गतिविधियां ठप थी। जिसके चलते खेलों की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों को मायूसी हाथ लग रही थी। अब फिर से खेल गतिविधियां शुरू होने से बच्चों की भागीदारी बढ़ने लगी है। स्कूली बच्चों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। सुबह शाम कर रहे अभ्यास कोटा में एथलीट के खिलाड़ियों के लिए विभिन्न मैदान बने हुए हैं। इन मैदानों में काफी संख्या में खिलाड़ी निरन्तर अभ्यास करने आते हैं। कई लोग फिटनेस को बरकरार रखने के लिए एथलीट में भाग लेते हैं। शहर में सबसे ज्यादा खिलाड़ी नयापुरा स्टेडियम और श्रीनाथपुरम स्टेडियम में प्रैक्टिस करने के लिए पहुंचते हैं। फिलहाल 80 बालक खिलाड़ी एथलीट खेल प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। इन्हें एथलीट कोच नियमित रूप से ट्रैनिंग दे रहे हैं। स्टेडियम में सुबह व शाम को अलग-अलग बैच में टैÑनिंग दी जा रही है। इनमें बच्चों से लेकर युवा वर्ग के खिलाड़ी शामिल हैं। अलग-अलग आयु वर्ग के लिए समय तय कर रखा है। इससे खिलाड़ियों को अभ्यास करने में परेशानी नहीं आती है। खिलाड़ी तभी तैयार होते हैं जब खेल के लिए पर्याप्त सुविधा मिले। कोटा में सिंथेटिक ट्रैक की कमी काफी समय से खल रही है। इससे खिलाड़ियों को सामान्य मैदान में अपने अभ्यास करना पड़ता है। अब कोटा में भी सिंटेथिक ट्रैक बनने की राह आसान हो गई। श्रीनाथपुरम में इसका शिलान्यास हो चुका है। इसी साल इसके पूरा होने की उम्मीद है। इससे एथलीट खेल को नई ऊंचाइयां मिलेगी। - तरुण शर्मा,एथलीट कोच

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