जलदाय विभाग: ना नौ मण तेल होगा ना राधा नाचेगी
पानी से संबंधित समस्याओं की शिकायतों का रिकॉर्ड कहां रख रहा विभाग?
शिकायत की जानकारी तथा रिकॉर्ड नहीं रखने से उसका फॉलोअप नहीं होता और नाा ही उसकी मोनिटरिंग हो पाती है।
कोटा। ना नौ मण तेल होगा ना राधा नाचेगी। जलदाय विभाग इसी तर्ज पर काम कर रहा है। शिकायत मिलने के रास्ते ही बंद कर देने से लोग भले परेशान हो रहे हों लेकिन विभाग कहता है कि कोई शिकायत नहीं मिल रही है। जलदाय विभाग की ओर से फरवरी माह में सभी कार्यालयों में जनसुनवाई की सुविधा शुरु की गई थी। लेकिन तीन महीने बाद भी विभाग के पास मात्र 15 शिकायत ही दर्ज हो पाई हैं। इन शिकायतों में से भी 5 शिकायतें तो कोटा शहर के बाहर की है। ऐसे में विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठता है कि शहर में लगभग हर क्षेत्र से पानी को लेकर समस्या सामने आ रही है, लेकिन विभाग के पास शिकायत तक दर्ज नहीं है। दरअसल विभाग की ओर से दादाबाड़ी स्थित अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया हुआ है। जहां कोई भी व्यक्ति जलापूर्ति से संबंधित शिकायत कर सकता है जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी सार्वजनिक है। लेकिन इसके बावजूद भी विभाग के शिकायत रजिस्टर में मात्र 15 शिकायतें ही दर्ज हैं।
फरवरी में शुरु हुई थी जनसुनवाई
जलदाय विभाग की ओर से आमजनता के लिए सभी कार्यालयों में जनसुनवाई की सुविधा शुरु की गई थी जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। वहीं इसके लिए जलदाय विभाग के पुराने कंट्रोल रूम वाले हेल्पलाइन नंबर को भी जारी किया गया था। साथ ही शिकायतों का फोलोबैक करने और मोनिटरिंग करने के लिए विभाग की ओर से कार्यालय पर रजिस्टर भी रखा गया था। लेकिन तीन महीने बाद तक रजिस्टर में मात्र 15 शिकायतें दर्ज हैं। जिसमें भी 5 शिकायतें शहर से बाहर की हैं। ऐसे में साल उठता है कि विभाग के अधिकारी शिकायतों को दर्ज भी कर रहे हैं या नहीं।
जोन स्तर पर हो जाता है शिकायत का निवारण
जलदाय विभाग की ओर से कोटा शहर को 5 जोन में बांटा हुआ है। जिसमें अलग अलग कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता कार्यरत हैं। अधिकारियों का कहना है कि जोन स्तर के अधिकारी ही समस्याओं का समाधान कर देते हैं। ऐसे में जोन स्तर पर शिकायतों के बारे में जानकारी लेना चाहा तो विभाग के पास उन शिकायतों की भी कोई जानकारी नहीं मिली। ऐसे में सवाल उठता है कि विभाग किस तरह है जलापूर्ति से संबंधित समस्याओं की शिकायत लेता है और उनका कितने समय में निस्तारण करता है इसकी किसी को जानकारी क्यों नहीं है। जबकि शहर के कई ईलाके ऐसे हैं जहां आज भी जलापूर्ति को लेकर समस्याएं मौजूद हैं। जिनकी शिकायत तो की जाती है लेकिन विभाग की ओर उसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।
समय पर नहीं होता समाधान
शिकायत की जानकारी तथा रिकॉर्ड नहीं रखने से उसका फॉलोअप नहीं होता और नाा ही उसकी मोनिटरिंग हो पाती है। ऐसे में विभाग की ओर से शिकायतों पर किसी प्रकार की कोई ठोस कारवाई नहीं होती कुछ दिन पहले भी आंवली रोजड़ी के लोगों के विभाग के कार्यालय पर पानी की समस्या को लेकर प्रर्दशन किया था उससे पहले भी आंवली रोजड़ी के लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन वो ना दर्ज हुई ना उसका कोई फोलोअप लिया गया।
लोगों का कहना है
पानी की समस्या होती है तो उसके लिए कहां शिकायत करें इसकी कोई जानकारी नहीं है। जेईएन, एईएन को फोन करने पर वो हर बार समस्या को ठीक करने के लिए कल का नाम लेते हैं। ऐसे में आगे किससे शिकायत करें कोई जानकारी नहीं है।
- ओमप्रकाश मेहता, नांता
विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए फोन करते हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता ऐसे में जेईएन को ही फोन करना पड़ता है। वो भी कुछ समय के लिए समस्या का समाधान कर देते हैं लेकिन फिर वही स्थिति हो जाती है।
- गणेश रजत, बोरखेड़ा
इलाके में कई बार प्रेशर की समस्या होती है इसे लेकर शिकायत भी दर्ज कराते हैं, लेकिन हर बार अधिकारी समस्या ठीक करने का आश्वासन ही देते हैं कई बार लिखित में भी शिकायत देने पर लेकर रख लेते हैं उस पर कोई कारवाई नहीं होती।
- गुर्जर, बरड़ा बस्ती
इनका कहना है
कार्यालय पर जो शिकायत दर्ज कराने आता है या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराता है तो उसे रिकॉर्ड करने के साथ ही निवारण फोलोअप भी लिया जाता है। जेईएन और एईएन कई बार अपने स्तर पर भी समस्या का समाधान कर देते हैं। उन्हें भी रिकॉर्ड रखने के लिए कहा हुआ है, अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उन्हें पाबंद करके शिकायत के निवारण का फोलोअप लेने को कहेंगे।
- प्रद्यूमन बागला, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग, कोटा
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