हर दिन नाली में बह रहा 10 हजार लीटर ‘अमृत’
दो साल से फूटी पड़ी है 600 एमएम की लाइन : करीब 72 लाख लीटर पानी हो चुका व्यर्थ
कोटा से प्रतिदिन 24 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई।
कोटा। भीषण गर्मी में जहां एक ओर कंठ सूख रहे, बूंद-बूंद के लिए मारामारी मची हुई है, वहीं लाखों लीटर पीने का पानी यूं ही नालियों में बर्बाद किया जा रहा है। पिछले 2 साल से 600 एमएम की पाइप लाइन लीकेज हो रही और जिम्मेदार जलदाय विभाग के अफसरों को होश तक नहीं है। हालात यह है, जब दैनिक नवज्योति ने जिम्मेदारों को हकीकत से रुबरू किया तो बेतुका बयान देने लगे। कोटा से पानी ले रहा बूंदी जलदाय विभाग के अफसरों को लीकेज दुरस्त कराने के लिए बारिश का इंतजार है। जबकि, बारिश का दौर शुरू होने में अभी डेढ़ से दो महीने बाकी है। ऐसे में लाखों लीटर अमृत व्यर्थ बहता रहेगा। दरअसल, कोटा से बूंदी जा रही 600 एमएम की पाइप लाइन पिछले दो साल से बल्लोप से एक किमी दूर जयपुर हाइवे किनारे खैरोली गांव में लीकेज हो रही है। जिससे एक इंच पानी व्यर्थ बह रहा है, इस हिसाब से 24 घंटे में करीब 10 हजार लीटर पीने का पानी नालियों में बर्बाद हो रहा है। अब विभाग को लीकेज दुरुस्त करवाने के लिए बारिश का इंतजार है। सकतपुरा स्थित कोटा बैराज की अप स्ट्रीम से बूंदी को प्रतिदिन 24 एमएलडी रॉ वाटर यानी 24 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई होती है, जो 600 एमएम की पाइप लाइन के जरिए जाखमूंड फिल्टर प्लांट में पहुंचता है, जो 26 एमएलडी का है। यहां पानी फिल्टर करने के बाद 20 एमएलडी यानी 20 करोड़ लीटर पानी बूंदी शहर में सप्लाई किया जाता है। ऐसे में खैरोली गांव में पाइप लाइन में हो रहे लीकेज से पिछले दो सालों में करीब 72 लाख लीटर पानी व्यर्थ हो चुका है।
यह कहते हैं खैरोली के बाशिंदे
पानी की पाइप लाइन रोड से करीब 10 फीट नीचे जमीन में है। पिछले दो साल से यहां लीकेज हो रहा है। जिससे बड़ी मात्रा में पानी नालियों में बह रहा है। जिसका पानी नेशनल हाइवे-52 जयपुर-बूंदी हाइवे किनारे जमा रहता है। जिससे रोड किनारे कीचड़ की समस्या हो जाती है। इसका दो तरह से नुकसान हो रहा है। एक तो पानी बर्बाद हो रहा है और दूसरा कीचड़ होने से वाहनों के फिसलने का खतरा बना रहता है।
- सद्दाम हुसैन, खैरोली निवासी
कोटा-बूंदी के कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी के लिए मारामारी मची हुई है, वहीं दूसरी ओर अमृत मिल रहा तो उसकी बेकद्री की जा रही है। पानी अनमोल है, यह जानते हुए भी अनदेखी करना लापरवाही दर्शाती है। जबकि, विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का प्रतिदिन कोटा आना जाना लगा रहता है। इसके बावजूद उन्हें दो सालों से लीकेज का पता नहीं लगना समझ से परे है।
- राकेश सैन, राहगीर
यह पाइप लाइन तो दो सालों से भी अधिक समय से लीकेज है। पानी यूं ही व्यर्थ बह रहा है। इस रोड से कई अधिकारी गुजरते हैं फिर भी उन्हें व्यर्थ बहता पानी दिखाई नहीं दे रहा। जबकि, गांववासी बोरिंग व सरकारी हैंडपम्प का पानी उपयोग करते हैं। पानी की एक-एक बूंद कीमती है। जलदाय विभाग को इसे व्यर्थ बहने से बचाना चाहिए।
- मोहम्मद ईनाम, खैरोली
मार्केटिंग के सिलसिले में रोजाना कोटा-बूंदी अपडाउन करता हूं। खैरोली गांव स्थित हाइवे किनारे कीचड़ फैला रहता है। नालियों का पानी यहां जमा रहता है। कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि सड़क पर दो वाहन सामने से आने पर सड़क किनारे उतरना पड़ता है लेकिन यहां कीचड़ फैला रहने से फिसलन का खतरा रहता है। बाद में पता चला कि पाइप लाइन का लीकेज से यह समस्या बनी हुई है। विभाग लीकेज दुरुस्त करवाए।
- अमन कुमार बैरवा, अपडाउनर
फिल्टर प्लांट, पेयजल स्कीम, प्रोजेक्ट सब कुछ बूंदी का सेपरेट है। कोटा शहरी जलयोजना से बूंदी का कोई लिंक नहीं है। इस संबंध में बूंदी जलदाय अधिकारियों से बात की जा सकती है। हालांकि, हम उन्हें मामले से अवगत करा देंगे।
- प्रद्युम्न बागला, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग कोटा
यह पाइप लाइन 600 एमएम की है, जो जमीन में कई फीट नीचे है। मामला संज्ञान में आ गया है, इसे दुरुस्त करवाने के लिए शटडाउन लेना पड़ेगा, जिसके लिए जलापूर्ति रोकनी पड़ेगी। लेकिन अभी भीषण गर्मी है और पानी की डिमांड अधिक है। ऐसे में शटडाउन लेते हैं तो बूंदी शहर की जलापूर्ति प्रभावित हो जाएगी। ऐसे में पहली बारिश में ही लीकेज दुरुस्त करवा दिया जाएगा। क्योंकि, इस समय गर्मियों की अपेक्षा पानी की डिमांड कम रहती है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार काम करेंगे।
- शुभम शर्मा, एईएन, जलदाय विभाग, उपखण्ड बूंदी
मामला संज्ञान में आ गया है, जल्द से जल्द शटडाउन लेकर लीकेज ठीक करवाएंगे।
- कैलाशचंद गोयल, एक्सईएन जलदाय विभाग, बूंदी
अभी ग्रीष्मकाल चल रहा है और यह कार्य शटडाउन के बाद ही हो सकेगा। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से स्वीकृति लेकर पाइप लाइन को दुरुस्त करवाएंगे।
- डीएन व्यास, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग बूंदी
आपके द्वारा जानकारी में आ गया है। यदि, ऐसा है तो तुरंत प्रभाव से दिखवाकर लीकेज दुरुस्त करवाएंगे।
- सुभांशु दीक्षित, एडिशनल चीफ इंजीनियर, जलदाय विभाग कोटा
बूंदी जिले के लिए दो पाइप लाइन गुजर रही है, बड़ी और छोटी। बड़ी लाइन हमारे अंडर में नहीं है लेकिन छोटी है। जिसमें लीकेज नहीं है। वैसे, इंजीनियर को मौके पर भेज दिखवा लेंगे। हालांकि, मुझे ज्वाइन किए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं।
- मनीष भट्ट, एक्सईएन, पेयजल योजना प्रोजेक्ट बूंदी
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