पेड़ों से गुजर रही 11 केवी लाइन, हादसे का खतरा
शिवपुरा से अकेलगढ़ तक निकल रही विद्युत लाइन
बिजली लाइनों में फाल्ट होने की रहती है आशंका।
कोटा। शिवपुरा बस्ती से अकेलगढ़ तक सड़क किनारे लगे पेड़ों के बीच से 11केवी बिजली की लाइनें गुजर रहीं है। पेड़ों की डालियां तारों को छू रही है। वहीं अकेलगढ़ के पिछले गेट पर लीकेज हो रही पानी की पाइप लाइन से करीब 8 फीट ऊंचा फव्वारा उठ रहा है। जिसकी दूरी बिजली के तारों से करीब 2 मीटर है। ऐसे में दोनों ही सूरत में फॉल्ट होने से हादसे का खतरा बना रहता है। क्षेत्रवासियों व दुकानदारों ने बताया कि यह विद्युत लाइन जेवीएनएल की है। संबंधित अधिकारियों को शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जबकि, पेड़ों के नीचे कई दुकानें लगी हुई हैं। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।
अंधड़ आने पर तेज हो जाती धड़कनें
शिवपुरा चौराहे पर फलों का ठेला लगाने वाले मुरारी यादव का कहना है, बस्ती से लेकर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय तक सड़क किनारे हजारों पेड़ लगे हैं। जिनके बीच से 11 केवी बिजली लाइन गुजर रही है। पेड़ों की डालियां तारों पर झूल रही है। जबकि, पेड़ों के नीचे कई ठैले व दुकानें लगी हुई हैं। ऐसे में अंधड़ आते ही पेड़ों से तार टूटकर गिरने का खतरा बना रहता है। हादसे की आशंका से दुकानदारों व राहगीरों की धड़कने तेज हो जाती हैं। विद्युत विभाग को पूर्व में भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई ध्यान ही नहीं देता।
पानी से करंट का खतरा
अकेलगढ़ के पास चाय की दुकान लगाने वाले किशन लाल ने बताया कि थोड़ी तेज हवा चलते ही पेड़ों की डालियां टूटकर सड़क पर लटक जाती है। जिससे राहगीरों को परेशानी होती हैं। वहीं, अकेलगढ़ की लोहे की 44 इंच की पाइप लाइन लीकेज होने से 8 फीट ऊंची पानी की धार निकल रही है, जो बिजली के तारों के नजदीक है। मुश्किल से विद्युत लाइन और पानी के बीच ऊंचाई में करीब 2 मीटर का फासला है। कभी पाइप लाइन का प्रेशर तेज हुआ तो पानी तारों पर पड़ेगा और फाल्ट होने से करंट का खतरा बना रहता है। वार्ड के जनप्रतिनिधियों ने भी विद्युत विभाग व जलदाय विभाग से शिकायत की थी। इसके बावजूद न तो पेड़ों की छंटाई की गई और न ही पाइप लाइन का लीकेज दुरुस्त किया गया।
करंट की चपेट में आ चुके बंदर
स्थानीय निवासी श्याम कुमार ने बताया कि अकेलगढ़ के पीछे जंगल है। यहां बंदर बड़ी संख्या में हैं, जो पेड़ों के सहारे पीछले गेट तक आते हैं और उछलकर रोड किनारे पेड़ों पर उछल कूद करते हैं। गत वर्ष छलांग लगाने के दौरान एक बंदर बिजली के तारों से टकरा गया था। करंट लगने से वह गंभीर रूप से झुलस गया, जिसे राहगीरों ने मोखापाड़ा स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचाकर इलाज करवाया। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा खतरा पेड़ों के नीचे फुटकर विक्रेता व दुकानदारों को रहता है।
पाइप लाइन शिफ्ट हो तो मिले राहत
शिवपुरा निवासी कैलाश मेघवाल बताते हैं, मैन रोड ही नहीं बस्तियों में भी तार घरों की बालकनी से सटकर गुजर रहीं हैं। बारिश के दिनों में हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं, मुख्य मार्ग पर पेड़ों की छांव के नीचे दिनभर राहगीरों व खरीदारों की मौजूदगी बनी रहती है। ऐसे में बिजली के तारों से हर पल हादसे का डर बना रहता है। ऐसे में या तो बिजली की लाइन शिफ्ट की जाए नहीं तो पेड़ों की छंटाई करवाई जाए।
इनका कहना है
यदि, यह विद्युत लाइन जेवीएनएल की है तो टीम भेजकर दिखवा लेंगे और केईडीएल की है तो उन्हें सूचना कर देंगे।
- गजेंद्र सिंह, संभागीय मुख्य अभियंता, जेवीएनएल
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