प्रदेश में लंपी से 1140 गौवंश की मौत
अभी भी गौवंश का इलाज चल रहा है
गौवंश में तेजी से फैल रही लंपी स्कीन बीमारी से अब तक 3 लाख, 67 हजार, 178 गौवंश संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 16 हजार, 837 गौवंश की मौत हो गई। पिछले 24 घंटों में 28 हजार, 845 गौवंश संक्रमित हुए और 1140 गौवंश की मौत हो गई।
जयपुर। गौवंश में तेजी से फैल रही लंपी स्कीन बीमारी से अब तक 3 लाख, 67 हजार, 178 गौवंश संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 16 हजार, 837 गौवंश की मौत हो गई। पिछले 24 घंटों में 28 हजार, 845 गौवंश संक्रमित हुए और 1140 गौवंश की मौत हो गई। अभी भी प्रदेश में तीन लाख, 22 हजार, 773 गौवंश का इलाज चल रहा है, जबकि जयपुर में भी अब तक 2123 संक्रमित मिले है, जिसमें से 49 की मौत हो गई।
24 जिले संक्रमित
प्रदेश के 24 जिले संक्रमित हो गए, जबकि बांसवाड़ा, राजसमंद, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ में बीमार गौवंश मिले है, लेकिन अभी तक एक भी पशु की मौत नहीं हुई है।
पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता
लंपी स्किन बीमारी को लेकर पशुपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सचिव ने कहा कि कुछ लोगों ने इस वायरस की तुलना कोरोना से की है, जो गलत है। यह रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता है। रोगी गौवंश का दूध हानिकारक नहीं है, लेकिन यह आवश्यक है कि दूध को उबाल कर ही पीना चाहिए। वहीं रोगी गौवंश को खुले में नहीं छोड़े। बीमार गौवंश में आवश्यकता होने पर ही एन्टीबायोटिक्स का उपयोग करें। प्रभावित जिले को आपातकालीन जरूरी दवाएं खरीदने के लिए 1.88 करोड़ रुपए की राशि जारी की चुकी है।
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