
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से अनुदानित सप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, सोफिस्टिकेटेड उपकरणों पर मंथन
प्रशिक्षण 26 सितंबर तक आयोजित
प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान सोफिस्टिकेटेड उपकरणों पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा लगभग 35 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान कि या जा रहा है। केंद्र के माध्यम से अब तक बड़ी संख्या में प्रति भागियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
जयपुर। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से अनुदानित सप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान के सहयोग से राजस्थान विश्वविद्यालय के सीएनसीईआर में आयोजन किया जा रहा है। उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान सोफिस्टिकेटेड उपकरणों पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा लगभग 35 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 26 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन ने कहा कि किताबी ज्ञान से ज्यादा दक्ष ज्ञान को प्राप्त करने पर बल दिया। आने वाला समय शोध के माध्यम से सामाजिक राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर उपयोग में आने वाले तकनीकी उत्पादों का है। आवश्यकता है कि शोधकर्ता उत्पादों को विकसित करने पर जोर दें।
कार्यक्रम में प्रो. आईपी जैन संस्थापक और पूर्व निदेशक गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधन केंद्र राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, भारत ने विश्वविद्यालय के इस केंद्र की प्रशंशा करते हुए कहा कि ऐसे केंद्र विद्यार्थियों के विचारों को शोध और इनोवेशन के माध्यम से उत्पाद के रूप में विकसित करने में महती भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की है कि केंद्र के माध्यम से अब तक बड़ी संख्या में प्रति भागियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान से विज्ञान एवं प्रौद्योगि की विभाग के सिनर्जिस्टि लक ट्रेनिग प्रोग्राम यूजिग साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजि कल इंफ्रास्ट्रकर (स्तुति 2022 ) योजना के समन्वयक व वनस्थली विद्यापीठ के प्रो परवेज अहमद अल्वी नेबताया भारत सरकार द्वारा पूरे देश में स्तुति कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न शोधकर्ताओं को उत्कृष्ट शोध किए जाने के लिए प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिस श्रृंखला में राजस्थान विश्वविद्यालय का गैर-पारंपरि क ऊर्जा संसाधन केंद्र एक महत्वपूर्ण भूमि का निभा सकता है। सेंटर में उपलब्ध मशीनों और उनकी उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए आगे इस तरह के अन्य कई कार्यक्रमों के माध्यम सेमानव संसाधन विकसित किए जा सकते हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो एस एन डोलिया द्वारा सभी प्रति भागियों का स्वागत किया गया।
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