फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन पहले डोज के बाद 80 फीसदी कारगर, दूसरे डोज के बाद संक्रमण का रिस्क 90 फीसदी कम
कोरोना की दूसरी लहर के बीच अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर आई है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन पहले डोज के बाद भी काफी असरदार हैं। इन वैक्सीन की पहली खुराक दो हफ्ते बाद 80 फीसदी तक संक्रमण के जोखिम को कम करने में सक्षम है।
वॉशिंगटन। कोरोना की दूसरी लहर के बीच अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर आई है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन पहले डोज के बाद भी काफी असरदार हैं। इन वैक्सीन की पहली खुराक दो हफ्ते बाद 80 फीसदी तक संक्रमण के जोखिम को कम करने में सक्षम है। रियल वर्ल्ड यूएस स्टडी द्वारा जारी अंकड़ों में यह बात सामने आई है। जबकि दूसरी डोज लेने के 2 हफ्ते बाद संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक कम हो गया। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) द्वारा किए गए अध्ययन में संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन की क्षमता का मूल्यांकन किया गया, जिसमें बिना लक्ष्ण वाले संक्रमण भी शामिल हैं। कंपनियों द्वारा पिछले परीक्षणों में बीमारी को रोकने में उनके टीके की प्रभावकारिता का मूल्यांकन के दौरान बिना लक्षण वाले संक्रमणों का अध्ययन शामिल नहीं किया गया था।
14 दिसंबर 2020 से 13 मार्च 2021 तक 13 हफ्तों की अवधि में 6 राज्यों में 3950 प्रतिभागियों के बीच किए गए अध्ययन में एमआरएनए वैक्सीन की प्रभावशीलता का अध्ययन किया गया। इस दौरान लगभग 74 फीसदी लोगों को वैक्सीन की एक ही खुराक दी गई और बिना लक्षण वाले संक्रमण को पकड़ने के लिए साप्ताहिक रूप से परीक्षण किया गया। इस स्टडी में दोनों कंपनियों के क्लीनिकल ट्रायल्स के डेटा का भी इस्तेमाल किया गया। सीडीसी के निदेशक रोशेल वालेंस्की ने एक बयान में कहा कि कोरोना की एमआरएनए वैक्सीन हमारे देश के स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और अन्य फ्रंटलाइन श्रमिकों को संक्रमण के खिलाफ तेजी से सुरक्षा प्रदान करती है। नई एमआरएनए तकनीक एक प्राकृतिक रासायन का सिंथेटिक रूप है, जिसका उपयोग कोशिकाओं में प्रोटीन बनाने के लिए किया जाता है।
ताजा आंकड़ों ने पहले के अध्ययनों को भी सही साबित किया है, जिसमें संकेत दिया गया था कि पहली खुराक के तुरंत बाद वैक्सीन काम करना शुरू कर देती है और यह बिना लक्षण वाले संक्रमणों को भी रोकने में सक्षम है। वैक्सीन की सीमित आपूर्ति का सामने कर रहे कुछ देशों ने फिलहाल वैक्सीन की दूसरी खुराक के समय को आगे बढ़ा दिया है, ताकि कुछ और लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा सके।
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