रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन को दी खुली धमकी

कहा : हमारी मांगें मानो वरना सैनिक मनवा लेंगे

रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन को दी खुली धमकी

जेलेंस्की ने कहा कि हाल की उनकी अमेरिकी यात्रा में हुए समझौते की समीक्षा की गई। उम्मीद है कि इन समझौते के तहत अमेरिका जल्द से जल्द 1.85 अरब डालर के हथियार उपलब्ध करा देगा।

कीव। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन व पश्चिमी देशों पर अपने राष्ट्र को बर्बाद करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कीव को धमकाया कि उसे मास्को की मांगें मान लेनी चाहिए अथवा रूसी सैनिक युद्ध के जरिए उन्हें मनवा लेंगे। लावरोव ने यह टिप्पणी सोमवार देर रात पूर्वी यूक्रेन में जारी भीषण युद्ध के बीच की। एक दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वह समझौते के लिए तैयार हैं, लेकिन मास्को की शर्तों के अनुरूप। इसमें रूस द्वारा जीते गए यूक्रेनी क्षेत्र के पांचवें हिस्से की मान्यता देने की मांग शामिल है। रूसी विदेश मंत्री के हवाले से सरकारी समाचार एजेंसी तास ने अपनी रिपोर्ट में कहा, हमारे प्रस्ताव में विसैन्यकरण व क्षेत्र को नाजीमुक्त करना, रूसी सैनिकों की वापसी के दौरान संभावित खतरों को समाप्त करना व जीती गई धरती को अपने देश में मिलाना शामिल है। शत्रु इन शर्तों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह किसी से छुपा नहीं है कि अमेरिका व नाटो रूस को युद्धक्षेत्र में हराना चाहते हैं। वे देश की प्रणाली कमजोर करना या पूरी तरह बर्बाद कर देना चाहते हैं। रूस ने यूक्रेन पर अपने एयर बेस पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया है।
डोनेस्क व लुहांस्क प्रांत में भीषण लड़ाई जारी : रिपोर्ट के अनुसार, रूस की सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन दमित्री मेदवेदेव ने दावा किया कि अगले वर्ष पोलैंड व हंगरी मौजूदा यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से पर कब्जा कर लेंगे। जर्मनी के नेतृत्व में फोर्थ रेइच बनेगा, जिसमें पोलैंड, बाल्टिक देश, चेकिया, स्लोवाकिया व कीव गणराज्य आदि शामिल होंगे। फोर्थ रेइच एक कल्पना है, जिसका राजनीति में प्रयोग नाजी विचारों के पुनरुत्थान व विरोधियों को अपमानित करने के लिए किया जाता है। इस बीच, अमेरिका व उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से समर्थन व मदद हासिल कर रहे यूक्रेन ने रूस द्वारा जीते गए अपने हिस्सों को फिर से हासिल करने व रूसी सैनिकों को देश से खदेड़ने का संकल्प लिया।

यूक्रेन यह बात कह चुका है कि वह अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी से पहले रूस के साथ बातचीत नहीं करेगा, जबकि मॉस्को अपने सैन्य लाभ पर जोर देता है और क्रीमिया प्रायद्वीप के 2014 के कब्जे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार रात एक वीडियो में कहा कि डोनबास मोर्चे पर स्थिति काफी कठिन व दर्दनाक है। रूस बाखमुट पर कब्जा करना चाहता है। देश के करीब 90 लाख लोग बिजली के बिना ठंड की सर्द रातें गुजारने को मजबूर हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि हाल की उनकी अमेरिकी यात्रा में हुए समझौते की समीक्षा की गई। उम्मीद है कि इन समझौते के तहत अमेरिका जल्द से जल्द 1.85 अरब डालर के हथियार उपलब्ध करा देगा। एपी के अनुसार, यूक्रेन के विदेश दमित्रो कुलेबा ने कहा कि उनका देश फरवरी में शांति सम्मेलन का आयोजन करना चाहता है, लेकिन वह इसका अनुमान नहीं लगा सकते कि उसमें रूस शामिल होगा अथवा नहीं।

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