सिंडिकेट की अनुशंसा पर रिसर्च एसोशिएट हुए पदोन्नत

रूटा अध्यक्ष डॉ. संजय ने कहा रजिस्ट्रार का शिकायत पत्र निराधार  

सिंडिकेट की अनुशंसा पर रिसर्च एसोशिएट हुए पदोन्नत

विश्वविद्यालय की सिंडिकेट बैठक 26 दिसंबर, 2022 में 6 रिसर्च एसोशिएट (सहायक आचार्य) को विश्वविद्यालय एक्ट, राजस्थान सरकार के पत्र और यूजीसी के नियमानुसार सीनियर स्केल/सलेक्शन स्केल और एसोशिएट  के रूप में पदोन्नति का लाभ देने की अनुशंसा की थी।

जयपुर। राज्य सरकार के आदेश और राजस्थान विश्वविद्यालय की सिंडिकेट की अनुशंसानुसार रिसर्च एसोशिएट को पदोन्नति का लाभ दिया गया है, जिसकी गलत तरीके से शिकायत आरयू रजिस्ट्रार ने सरकार को की है। दरअसल, विश्वविद्यालय की सिंडिकेट बैठक 26 दिसंबर, 2022 में 6 रिसर्च एसोशिएट (सहायक आचार्य) को विश्वविद्यालय एक्ट, राजस्थान सरकार के पत्र और यूजीसी के नियमानुसार सीनियर स्केल/सलेक्शन स्केल और एसोशिएट  के रूप में पदोन्नति का लाभ देने की अनुशंसा की थी। राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (रूटा) के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में 6 रिसर्च एसोशिएट  को पदोन्नति का परिलाभ देने के संबंध में राजस्थान सरकार से दो बार 28 फरवरी और 20 अक्टूबर 2022 स्वीकृति आ चुकी है। यूजीसी के नियमों में स्पष्ट है कि रिसर्च एसोशिएट  के रूप में की गई सेवा को सीनियर स्केल/सलेक्शन स्केल पदोन्नति परिलाभ दिए जाने के लिए जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा गठित प्रो. केसी शर्मा और प्रो. विजयवीर सिंह समिति भी 6 रिसर्च एसोशिएट    को पदोन्नति का परिलाभ नियुक्ति की डेट से देने की अनुशंसा कर चुकी है। डॉ. संजय का कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलपति और सिंडिकेट में हुई कार्यवाही को लेकर रजिस्ट्रार द्वारा की गई शिकायत निराधार है। रजिस्ट्रार के शिकायत पत्र के संबंध में सिंडिकेट के सदस्यों से संघ के प्रतिनिधियों की बातचीत हुई, जिस पर अधिकतर सदस्यों का मानना है कि सिंडिकेट की बैठक 26 दिसंबर के कार्यवृत्त में छह रिसर्च एसोशिएट  की पदोन्नति का निर्णय सिंडिकेट की भावना के अनुसार सही अंकित किया गया है। इसलिए इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। सिंडिकेट की अनुशंसा होने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन इस पदोन्नति मामले को जबरदस्ती एक मुद्दा बना रहा है, जिससे विश्वविद्यालय की छवि खराब हो रही है। 

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