पेट के रास्ते पानी से भी हो सकता है डायलिसिस

वर्ल्ड किडनी डे आज,  रोगियों के लिए राहत की खबर...

पेट के रास्ते पानी से भी हो सकता है डायलिसिस

डायबिटीज के मरीजों में इंफेक्शन जल्दी होता है। ऐसे में किडनी के मरीज अब घर बैठे डायलिसिस कर सकते हैं।

जयपुर। देश की कुल जनसंख्या में से करीब 12 प्रतिशत मरीज किडनी की बीमारी से ग्रसित होते हैं। राजस्थान और खासकर जयपुर में भी किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें मर्ज बढ़ने पर इलाज के तौर पर मरीजों के पास ट्रांसप्लांट या डायलिसिस का ही विकल्प रहता है। जिन मरीजों में डायलिसिस की जरूरत पड़ती है उन्हें अक्सर अस्पताल जाकर इलाज कराना पड़ता है, जिससे कई और इन्फेक्शन्स का भी खतरा बढ़ जाता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों में इंफेक्शन जल्दी होता है। ऐसे में किडनी के मरीज अब घर बैठे डायलिसिस कर सकते हैं। दर्द रहित इस प्रक्रिया को कंटीन्यूअस एंबुलेट्री पेरिटोनियल डायलिसिस यानी सीएपीडी कहा जाता है। इसमें पेट के रास्ते पानी से डायलिसिस किया जाता है, जिसमें न अस्पताल जाने की जरूरत होती है, न ही खून के बदलाव की। किसी संक्रमण का कोई खतरा नहीं रहता और डायलिसिस के दौरान मरीज अपने रोजमर्रा के काम बिना किसी तकलीफ  के कर सकते हैं। 

यूं किया जाता है सीएपीडी
जयपुर के सीनियर किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. लवदीप डोगरा ने बताया कि इसमें पेट के रास्ते पानी से डायलिसिस किया जाता है। इसमें सीएपीडी वॉटर पैड आते हैं जो डायलिसिस टीम पेट के रास्ते मरीज को लगाती है और इस प्रक्रिया को परिजनों और मरीज को भी समझाती है, जिससे यह डायलिसिस घर पर किया जा सकता है और इसके दौरान मरीज अपने रोजमर्रा के काम जैसे सोना, टहलना या आॅफिस का काम भी बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं। अक्सर डायलिसिस करवाते समय खून के आदान-प्रदान की आवश्यकता पड़ती है जिस कारण 30 से 40 प्रतशित लोगों में किसी न किसी तरह का इन्फेक्शन हो जाता है, लेकिन सीएपीडी में खून के बदलाव की कोई जरूरत नहीं पड़ती और यदि कभी खून के डायलिसिस की जरूरत पड़े तो उसे कुछ सालों तक के लिए टाला जा सकता है। खून के डायलिसिस के दौरान कुछ समय बाद अक्सर मरीजों में पेशाब बंद होने की शिकायत रहती थी। इस प्रक्रिया में किडनियों में यूरिन बनना जारी रहता है, जिस वजह से पेशाब आना देर से बंद होता है। 

रखें किडनी का ख्याल
किडनी की बीमारियों के पीछे खराब खानपान, धूम्रपान व शराब का सेवन, आर्टिफिशियल फूड कलर्स का उपयोग तो है ही, लेकिन साथ ही डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों में भी किडनी की बीमारियां होना आम है। इन मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है।

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