आइएमएफ की नजर पाकिस्तान के एटमी हथियारों पर! 

पीपीपी का आरोप, पाक वित्त मंत्री ने कहा मुल्क हम पर यकीन रखे

आइएमएफ की नजर पाकिस्तान के एटमी हथियारों पर! 

डार के बयान के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी सोशल मीडिया पर कहा, पाकिस्तान किसी भी सूरत में अपने न्यूक्लियर एसेट्स या मिसाइल प्रोग्राम पर समझौता नहीं करेगा।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में शामिल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने आरोप लगाया है कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आइएमएफ) की नजर मुल्क के एटमी हथियारों और मिसाइलों पर है। वैसे आसिफ अली जरदारी की पार्टी के सांसद राजा रब्बानी के इस आरोप का जवाब पाकिस्तानी फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने जवाब दिया। डार ने कहा मुल्क को हम पर भरोसा रखना चाहिए। हम अपने एटमी हथियारों और मिसाइल प्रोग्राम पर कोई समझौता नहीं करेंगे। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट इस वक्त सत्ता में है। इसमें कुल 13 पार्टियां शामिल हैं। पीपीपी भी इनमें से एक है। इसके सांसद राजा रब्बानी ने गुरुवार को संसद में कहा, हमारे पास कई ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं, जिनमें कहा गया है कि आइएमएफ इसलिए कर्ज की किश्त जारी नहीं कर रहा, क्योंकि उसकी नजर हमारे एटमी हथियारों और मिसाइल प्रोग्राम पर है। फाइनेंस मिनिस्टर को बताना चाहिए कि हकीकत क्या है। हमें इस बारे में जानकारी क्यों नहीं दी। इसके जवाब में इशहाक डार ने कहा, हम भी हैरान हैं कि तमाम बातें और शर्तें साफ हो जाने के बावजूद आइएमएफ किश्त जारी क्यों नहीं कर रहा। फिर भी मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम एटमी हथियारों और मिसाइल प्रोग्राम पर कोई समझौता नहीं करेंगे। डार के बयान के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी सोशल मीडिया पर कहा, पाकिस्तान किसी भी सूरत में अपने न्यूक्लियर एसेट्स या मिसाइल प्रोग्राम पर समझौता नहीं करेगा। अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश है, जिसका रक्षा बजट सबसे ज्यादा है।

हालांकि 2022 में भारत ने अपने कुल बजट का 2.4 प्रतिशत रक्षा बजट पर खर्च किया है। जबकि पाकिस्तान अपने कुल बजट का 3.74 प्रतिशत रक्षा बजट पर खर्च करता है। 18 मई 1974 को भारत ने पहली बार परमाणु बम का सफल परीक्षण किया था। वहीं पाकिस्तान ने 28 मई 1998 को पहली बार परमाणु बम का परीक्षण किया था। इस वक्त पाकिस्तान के पास 165 परमाणु बम हैं। जबकि भारत के पास 160 परमाणु बम ही हैं।

भारत ने साल 1999 में अपनी नो फर्स्ट यूज की परमाणु नीति घोषित की थी। इसके मुताबिक भारत कभी भी परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा। भारत केवल परमाणु हमला होने की स्थिति में ही अपने परमाणु बमों का सहारा लेगा।
पाकिस्तान की ऐसी कोई नीति नहीं है। यह केवल पाकिस्तान के हाई कमान पर निर्भर करता है कि उन्हें कब और किस स्थिति में परमाणु हमला करना है। 1999 में पाक विदेश मंत्री ने नो फर्स्ट यूज वाली परमाणु पॉलिसी को नकारते हुए कहा था कि हम अपने देश की सुरक्षा की दिशा में हर जरूरी हथियार का इस्तेमाल कभी भी कर सकते हैं।

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