पोलो के जन्मदाता देश में ही गिर रहा है पोलो का स्तर, पूरे भारत में 5 हैंडीकैप का अकेला खिलाड़ी है सिमरन शेरगिल

पोलो के जन्मदाता देश में ही गिर रहा है पोलो का स्तर, पूरे भारत में 5 हैंडीकैप का अकेला खिलाड़ी है सिमरन शेरगिल

देश में नौ और दस हैंडीकैप के खिलाड़ी हुए हैं, वहीं आज की तारीख में पांच गोल का भी सिर्फ एक ही खिलाड़ी है।

जयपुर। भारत को मॉडर्न पोलो का जन्मदाता कहा जाता हो या जयपुर को पोलो का मक्का लेकिन हकीकत यह है कि आज देश में इस खेल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिस देश में नौ और दस हैंडीकैप के खिलाड़ी हुए हैं, वहीं आज की तारीख में पांच गोल का भी सिर्फ एक ही खिलाड़ी है। इंडियन पोलो एसोसिएशन (आईपीए) की हैंडीकैप कमेटी की मिडटर्म मीटिंग के बाद अब भारत में सिर्फ सिमरन शेरगिल ही पांच गोल के एकमात्र खिलाड़ी हैं। उनका हैंडीकैप भी छह से घटाकर पांच किया गया है। सिमरन ने 2017 में छह हैंडीकैप हासिल किया और इसे पांच साल तक बरकरार भी रखा। सिमरन से पहले पूर्व भारतीय कप्तान समीर सुहाग, शमशीर अली और ध्रुवपाल गोदारा भी छह गोल पर खेल चुके हैं लेकिन ये तीनों भी अब चार हैंडीकैप के खिलाड़ी हैं।

मिडटर्म कमेटी ने घटाए 8 खिलाड़ियों के हैंडीकैप
आईपीए की कमेटी ने मिडटर्म मीटिंग में करीब आधा दर्जन से ज्यादा खिलाड़ियों के हैंडीकैप में कटौती की है, जो मुम्बई में चल रहे पोलो सत्र से ही प्रभावी हुए हैं। कमेटी ने सिमरन शेरगिल का हैंडीकैप 6 से घटाकर 5 किया है वहीं लेफ्टिनेंट कर्नल विशाल चौहान का 4 से 3, सलीम आजमी का 3 से 2, उदय कलान, रणशेर सिंह और अखिल सिरोही का 2 से 1 तथा अधिराज सिंह और अक्षय मलिक का हैंडीकैप एक से घटाकर शून्य किया है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और महंगे घोड़े हैं कारण
पूर्व पोलो खिलाड़ी और भारत में फेडरेशन इंटरनेशनल पोलो के एम्बेसेडर रहे नरेन्द्र सिंह का कहना है कि बेशक खेल का स्तर नीचे आया है लेकिन इसके कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण देश में पोलो के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और घोड़ों का महंगा होना है। लेकिन नई जेनरेशन में अच्छे कुछ अच्छे खिलाड़ी आ रहे हैं, जो अभी चार गोल पर खेल रहे हैं और जल्दी ही हाई हैंडीकैपर हो सकते हैं।

क्या है हैंडीकैप
पोलो के खेल में हैंडीकैप एक खिलाड़ी के खेल कौशल की तुलनात्मक रेटिंग है। एक नौसिखिया खिलाड़ी के हैंडीकैप की शुरुआत -2 से होती है और जैसे-जैसे उसके खेल में निखार आता है उसका हैंडीकैप भी बढ़ता जाता है। हैंडीकैप का निर्धारण खिलाड़ी के गोल या टूर्नामेंट जीतने से ही निर्धारित नहीं किया जाता इसके लिए उसकी खेल भावना, टीम गेम, हॉर्समैनशिप, खेल की रणनीति और खेल की जानकारी को भी देखा जाता है।

दस हैंडीकैप के थे चंदा
सिंह और जसवंत सिंह
भांवरी (जोधपुर) के पूर्व पोलो खिलाड़ी ऋषिराज सिंह के अनुसार पूर्व में जोधपुर, अलवर, पटियाला और हैदराबाद में पोलो की मजबूत टीमें थीं और इन टीमों में नौ और दस गोल के खिलाड़ी थे। पटियाला के जसवंत सिंह और चंदा सिंह दस-दस गोल के खिलाड़ी थे, वहीं जयपुर के पूर्व महाराजा मानसिंह, जोधपुर को रावराजा हनूत सिंह और हरि सिंह ने नौ हैंडीकैप हासिल किया। जबर सिंह आठ और विजय सिंह, प्रेम सिंह, किशन सिंह और सबसे आखिरी में अस्सी के दशक में ब्रिगेडियर वीपी सिंह सात गोल के खिलाड़ी रहे।

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