देश की सम्प्रभुता के पर्व पर दिखी सांस्कृतिक विविधता, लोक कलाओं ने गणतंत्र की करवाई पहचान

देश की सम्प्रभुता के पर्व पर दिखी सांस्कृतिक विविधता, लोक कलाओं ने गणतंत्र की करवाई पहचान

दर्शकों के बीच पहुंचे मोदी, स्वीकार किया अभिवादन

नई दिल्ली। देश की एकता अखण्डता और सम्प्रभुता की तस्वीर बुधवार को राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर एक बार फिर नज़र आई। जब देश की सम्प्रभुता के पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित हजारों की संख्या में देश-वासियों के सामने सांस्कृतिक विवधता और लोक कलाओं के बीच गणतंत्र का चित्रण नजर आया।  देश के 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर बुधवार को राजपथ पर आयोजित मुख्य समारोह में सांस्कृतिक तथा लोक कलाओं का अनूठा संगम नजर आया। पहली बार इस बार के समारोह में कई बदलाव दिखे और पहली बार प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट की बजाय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस साल गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा नौ मंत्रालयों/विभागों की झांकियां निकाली गयीं।

हरियाणा की झांकी टोक्यो ओलंपिक पर आधारित
मेघालय की झांकी में राज्य के 50 सालों के इतिहास को दिखाया गया । इस झांकी में महिलाओं के नेतृत्व में चल रहीं सहकारी समितियों और स्व सहायता समूहों को प्रदर्शित किया गया। हरियाणा की झांकी टोक्यो ओलंपिक पर आधारित रही। हरियाणा की झांकी में पहलवान बजरंग पूनिया, जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल और हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल को दिखाया गया। वहीं उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार काशी विश्वनाथ मंदिर मुख्य आकर्षण रहा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जिसका हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया है, उसको प्रमुखता से दर्शाया गया। उत्तराखंड की झांकी में सिखों के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब, टिहरी डैम, डोबरा चांठी पुल और चार धाम में से एक बदरीनाथ धाम के साथ ही सरकार की उत्तराखंड के चार धाम को लेकर चल रही महत्वपूर्ण योजना 'ऑल वेदर रोड' का प्रदर्शन किया गया।

पंजाब की झांकी में राज्य से जुड़े स्वतंत्रता सैनिकों और उनके संघर्ष की कहानी
पंजाब की झांकी में राज्य से जुड़े स्वतंत्रता सैनिकों और उनके संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया। इसमें भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू की प्रतिमा के साथ लाला लाजपत राय पर हुए लाठी चार्ज और सरदार उधम सिंह को जलियांवाला बाग के दोषी माइकल ओ डायर की हत्या करते हुए दिखाया गया। ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे गोवा की झांकी जब राजपथ पर निकली, लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत किया।गुजरात की झांकी में राज्य के आदिवासी क्रांतिकारियों के जीवन और उनके बलिदान से जुड़े इतिहास को दर्शाया गया।

तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई
वहीं कर्नाटक की झांकी में राज्य की पारंपरिक हस्तशिल्प कला को दर्शाया गया। इसमें कमला देवी जिन्होंने विलुप्त होने की कगार पर पंहुचे पारंपरिक हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने का काम किया, को प्रमुखता दी गयी, जिसे लोगों ने काफी सराहा।
जम्मू-कश्मीर की झांकी में प्रदेश के बदलते स्वरूप को दर्शाया गया और लोगों को बताने की कोशिश की गयी कि प्रदेश अब दिनों-दिन प्रगति की पथ पर अग्रसर हो रहा है।महाराष्ट्र की झांकी में राज्य की जैव-विविधता और जैव प्रतीकों को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की भी झांकियां भी निकाली गयीं, जिसे लोगों ने सराहा और तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।

मंत्रालय और विभागों से जुड़ी अन्य नौ झांकियां
राज्यों की झांकियों के अलावा मंत्रालय और विभागों से जुड़ी अन्य नौ झांकियां भी निकाली गयी। इनमें संस्कृति मंत्रालय, शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारतीय डाक विभाग, डीआरडीओ और तीनों सेनाओं से जुड़े अत्याधुनिक हथियारों तथा विमानों की झांकियां भी शामिल थीं। विभागों की झांकियों की बात करें तो इंडिया पोस्ट की झांकी महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित रही। इसे लोगों ने खूब सराहा और तालियां बजाकर कलाकारों का स्वागत किया।

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जल शक्ति मंत्रालय की झांकी
वहीं जल शक्ति मंत्रालय की झांकी में दर्शाया गया कि कैसे जल जीवन मिशन ने लद्दाख में 13,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान में स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध कराकर लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर आयोजित समारोह में पहली बार नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी भी निकाली गयी, जिसमें ‘उड़ान’ योजना की गौरवपूर्ण सफलता को दर्शाते हुए बुद्धिस्ट सर्किट के पर्यटक स्थलों को दिखाया गया।

480 नर्तक एवं नर्तकियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुती देकर लोगों का मन मोह लिया

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झांकियों के बाद अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता 'वंदे भारतम' के माध्यम से चुने गए 480 नर्तक एवं नर्तकियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुती देकर लोगों का मन मोह लिया। इस दौरान लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।
परेड को बेहतर ढंग से देखने के लिए, राजपथ के प्रत्येक तरफ पांच-पांच यानी कुल मिलाकर 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाए गए थे। झांकियों के बाद शुूरू हुए देश के जाबांज जवानों के हैरतअंगेज करतब, जिसके देख कर लोग अचम्भित रह गए।
मोटरसाइकल पर सवार महिला सुरक्षाकर्मियों की टुकड़ी जब राजपथ पर उतरी तो उनके हैरतअंगेज करतब को देख कर लोग अचम्भित रह गए। गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर पहली बार पांच राफेल विमानों ने एरोहेड फॉर्मेशन में उड़ान भरी, जिसके देखने के लिए लोग अपनी कुर्सियों से उठकर खड़े हो गए और हाथ हिलाकर जाबांजों की हौसला बढ़ाया। गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में पहली बार भारतीय वायु सेना के 75 विमानों / हेलिकॉप्टरों को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तौर करतब दिखाए। राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और वर्तमान आधुनिक विमान/हेलिकॉप्टर राहत, मेघना, एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय और अमृत सहित विभिन्न संरचनाओं का प्रदर्शन किया।

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गणतंत्र दिवस के मौके पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
गणतंत्र दिवस के मौके पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे। राजधानी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया और जगह-जगह सीसीटीवी लगा कर सुरक्षाकर्मी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। गणतंत्र दिवस के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क पहनने से जैसे नियम का सख्ती के साथ पालन किया गया। इस बार सिर्फ छह हजार लोगों को ही राजपथ पर आने को अनुमति दी गयी थी और 15 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यहां पर प्रवेश पूरी तरह से वर्जित था।

दर्शकों के बीच पहुंचे मोदी, स्वीकार किया अभिवादन
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर आयोजित मुख्य समारोह के समापन के बाद दर्शकों के बीच पहुंचे और उनका अभिवादन स्वीकार किया। मोदी ने राजपथ पर 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित मुख्य समारोह के समापन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को विदाई दी। इसके बाद उन्होंने थोड़ी देर तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ गुफ्तगू की और फिर वह हर साल की तरह दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए उनके पास पहुंच गये। उन्होंने हाथ हिलाकर राजपथ के दोनों ओर बैठे दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।

मोदी के पहनावे ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया
गणतंत्र दिवस के मौके पर मोदी के पहनावे ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।  मोदी ने आज मणिपुरी अंगवस्त्र और उत्तराखंड की टोपी धारण कर रखी थी, जिसमें ब्रह्म कमल अंकित था। गौरतलब है कि मोदी जब भी उत्तराखंड के केदारनाथ में बाबा भोले भंडारी का दर्शन करने जाते हैं, तो उन्हें ब्रह्मकमल अवश्य अर्पित करते हैं। समारोह में पहुंचे दर्शक भी  मोदी को अपनी बीच पाकर काफी खुश नजर आए। दर्शकों ने भी हाथ हिलाकर मोदी का स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगाए।



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