सहकारिता में कैसा लोकतंत्र : आठ हजार संस्थाओं के 15-20 साल से नहीं हुए चुनाव, राजफेड, कॉनफेड अपेक्स बैंक जैसी संस्था भी अछूती नहीं

सहकारिता में कैसा लोकतंत्र : आठ हजार संस्थाओं के 15-20 साल से  नहीं हुए चुनाव, राजफेड, कॉनफेड अपेक्स बैंक जैसी संस्था भी अछूती नहीं

दिसंबर 2021 तक 37642 सहकारी समितियां पंजीकृत, इनमें सक्रिय समितियां केवल 22103, आठ हजार समितियों के लंबे समय बाद भी चुनाव नहीं हो सके, अब बायलॉज में संशोधन के बाद नियम मंजूर

 जयपुर। सहकारिता को मजबूत करने के लिए भले ही कितने ही दावे किए जा रहे हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही हैं। अर्थात प्रदेश की हजारों सहकारी समितियों के पिछले कई सालों से चुनाव ही नहीं हो सके है।


वैसे तो राज्य में वर्तमान में विभिन्न श्रेणी की दिसंबर 2021 तक कुल 37 हजार 642 सहकारी समितियां पंजीकृत है, जिनमें से 22103 सहकारी समितियां कार्यरत है। करीब आठ हजार से अधिक समितियां तो ऐसी है, जिनके लंबे समय से चुनाव ही नहीं हो रहे है। विभाग चुनाव नहीं होने का कारण कोरोना महामारी को बता रहा है। राज्य की 22 शीर्ष संस्थाओं के अंतिम निर्वाचन की स्थिति रोचक है अर्थात राजफेड के आखिरी चुनाव 1992 में हुए थे, जबकि अपेक्स बैंक के चुनाव भी 2011 के बाद नहीं हो सके है। वहीं सबसे चर्चित आरसीडीएफ के चुनाव भी आखिरी बार 2017 में हुए थे अर्थात पांच साल में इनके चुनाव भी नहीं हो सके है। शीर्ष संस्थाओं में कई संस्था तो ऐसी है, जिनके कभी निर्वाचन ही नहीं हुए है। सहकारिता विभाग के दस्तावेजों के अनुसार इन संस्थाओं के निर्वाचन को लेकर अभी कोई समयबद्ध कार्यक्रम भी नहीं बना हुआ है। विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी की ओर से बताया गया है कि सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन एक सतत प्रक्रिया है। मानव संसाधन की उपलब्धता, सहकारी संस्था का प्रकार, कार्यश्रेत्र, सदस्य संख्या, व उनके उपनियमों के परिपेक्ष्य में निर्वाचन से शेष संस्थाओं के निर्वाचन वर्तमान में कोविड महामारी के सामान्य होने के बाद करवाए जा सकेंगे।

सहकारिता विभाग में वर्गवार पंजीकृत सोसाइटियों में से 13338 संस्थाएं तो निष्क्रिय है। इसके अलावा कई संस्थाओं में अवसायनाधीन की प्रक्रिया भी चल रही है। वर्गवार पंजीकृत संस्थाओं की स्थिति कुछ इस प्रकार है...
संस्थाओं का वर्ग    पंजीकृत    सक्रिय    निष्क्रिय
पैक्स    6503    6439    11
लैम्पस    630    630    0
प्राथ. डेयरी    16291    9781    6079
गृ.नि..स.स.    709    148    472
प्राथ. भंडार    967    207    479
महिला समिति    607    282    275
के्रडिट कॉप.    1151    604    264
नागरिक बैंक    39    33    0
प्रा.भू.वि. बैंक    36    36    0
प्रा.स. व कृ.स.स.    5181    1368    3255
फल स.क्रय विक्रय    44    23    15
क्रय विक्रय    230    225    01
होलसेल भंडार    38    33    2
जिला दुग्ध संघ    23    23    0
केन्द्रीय बु. संघ    5    4    1
केन्द्रीय स. बैंक    31    29    2
केन्द्रीय सोसायटी    70    31    34
माइक्रो.फा. सा.    44    8    32
शीर्ष संस्थाएं    22    16    0
कुल    37642    22103    13338

लंबे समय बाद नियम तय
निर्वाचन प्रक्रिया तय करने के लिए बायलॉज में भी संशोधन किया गया है। इसके लिए हाल ही नियमों को भी मंजूरी मिल चुकी है। फिलहाल दुग्ध सहकारी समितियों के चुनाव कराए गए है, लेकिन कुछ ऐसी भी समितियां भी ऐसी है, जिनका तो गठन के बाद से अब तक भी नहीं हो सकी है।

कुछ सोसायटी के इलेक्शन हुए है, कुछ के होने शेष है। शीर्ष सहकारी समितियों के चुनावों से पहले ग्राम सेवा सहकारी समिति और उपभोक्ता भंडारों के चुनाव होना जरुरी है, कोर्ट के निर्देश है। बायलॉज में कुछ संशोधन के कारण मामला रूका हुआ था, अब नियम मंजूर हो गए है। अब जल्द ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
- राजीव लोचन, प्राधिकारी, राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण, जयपुर

राज्य की सहकारी संस्था की श्रेणी की 17 संस्थाएं ऐसी है, जिनमें निर्वाचन प्रक्रिया हुए ही 13 साल से अधिक हो गए है। इन संस्थाओं में अधिकतर केन्द्रीय सहकारी बैंकों की स्थिति यह है कि 2009 में अंतिम निर्वाचन हुआ था, इसके बाद 13 साल में कोई चुनाव प्रक्रिया नहीं हो सकी है
सहकारी संस्था की श्रेणी    अंतिम निर्वाचन का वर्ष
केन्द्रीय सहकारी बैंक    2009
जिला स. होलसेल भंडार    2009
जिला दुग्ध संघ    2021
नागरिक सहकारी बैंक    2017
जिला सहकारी संघ    2009
प्रा.भू.विकास बैंक    2009
जिला बुनकर स. संघ    2017
क्र.वि. सहकारी समितियां    2009
फल सब्जी क्र.वि. स. स.    2009
ग्रा.से.स. समितियां    2012
प्रा.दुग्ध समितियां    2021
प्रा.बुनकर समितियां    2017
गृ.नि.स.स.    2019
प्रा.सह.उप.भंडार    2018
क्रेडिटको-ऑपरेटिव समितिया    2018
अन्य समितिया    2018

शीर्ष संस्थाओं के चुनावों की स्थिति इस कदर बनी हुई है कि
संस्था नाम    अंतिम निर्वाचन का वर्ष

अपेक्स बैंक    2011
राजफेड    1992
कॉनफेड    2011
एसएलडीबी    2010
राज्य स. मुद्रणालय    1994
सहकारी आवासन संघ    कभी निर्वाचन नहीं हुए
राज्य सहकारी संघ. लि.    2013
क्षेत्रीय जनजाति स. वि. संघ    कभी निर्वाचन नहीं हुए
आरसीडीएफ    2017
तिलम संघ    कभी निर्वाचन नहीं हुए
राज्य बुनकर संघ    2018
अरबन को. बैंक फेडरेशन    2018
अनुजा निगम    कभी निर्वाचन नहीं हुए
ओबीसी वित्त व विकास निगम    कभी निर्वाचन नहीं हुए
अल्पसंख्यक वित्त व विकास निगम    2004
भेड व ऊन विपणन संघ    कभी निर्वाचन नहीं हुए
वन श्रमिक स.संघ    अवसायनाधीन
कुुक्कुट उत्पादक संघ    कभी निर्वाचन नहीं हुए
स. वित्त विकास निगम    अवसायनाधीन
स्पिनफेड    अवसायनाधीन
को-ऑपरेटिव ट्यूरिज्म फै.    अवसायनाधीन
को-ओपरेटिव ट्रांसपोर्ट फै.    अवसायनाधीन

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