इस बार देर से होगी मानसून की एंट्री 

चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है

इस बार देर से होगी मानसून की एंट्री 

दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के चलते चक्रवाती हवाएं मानसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

नई दिल्ली। देश में मानसून की एंट्री इस बार कुछ देर से होगी। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटे में अरब सागर के दक्षिण पर्व में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, इसके असर की वजह से केरल के तट पर बादल घट गए हैं, ऐसे में मानसून के केरल पहुंचने में इस साल थोड़ी देरी होगी। दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के चलते चक्रवाती हवाएं मानसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई।

पहले जताई थी 4 जून तक केरल पहुंचने की संभावना 
मौसम विभाग ने मानसून चार जून तक केरल पहुंचने की संभावना जताई थी। आईएमडी ने कहा कि इस चक्रवाती प्रवाह के असर से अगले 24 घंटे के दौरान उसी क्षेत्र में निम्न दबाव का क्monsoon षेत्र बनने की संभावना है। उत्तर की ओर बढ़ने और 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा अगले दो-तीन दिनों में स्थितियों में सुधार होने से केरल में मानसून दस्तक दे सकता है।

अरब सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन ऐसे समय पर बना है, जब हम उम्मीद करते हैं कि केरल तट से मानसून टकराएगा। इसकी वजह से मानसून का फ्लो थोड़ा डिस्टर्ब हुआ है, मानसून केरल तक से कब तक टकराएगा। इस पर हम अभी कोई रिपोर्ट नहीं दे सकते। मानसून आम तौर पर एक जून के आसपास केरल तट से टकराता है, लेकिन साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से अब मानसून के इस साल देरी से पहुंचने की उम्मीद है। 
- डॉ. सोमा सेनरॉय, वैज्ञानिक, मौसम विभाग   

 

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Tags: Monsoon

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