नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने पर भाजपा आलाकमान की ‘ना’

विशेष परिस्थितियों में ही केंद्रीय चुनाव समिति कर सकती है फैसला

नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने पर भाजपा आलाकमान की ‘ना’

भाजपा द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में विधायकों और पूर्व विधायकों के परिवार तथा रिश्तेदारों को टिकट देने में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।

ब्यूरो/नवज्योति/नई दिल्ली। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के विधायकों, पूर्व विधायकों और सांसदों के रिश्तेदारों को टिकट मिलने की संभावना कम ही है। भाजपा आलाकमान ने साफ कर दिया है कि इस बार वरिष्ठ विधायक या पूर्व विधायक का टिकट काटने पर उनके पुत्र, पत्नी या किसी रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया जाएगा, न ही विधायक के चुनाव न लड़ने पर बेटे या रिश्तेदार को टिकट देगी। सिर्फ कुछ विशेष परिस्थितियों में ही केंद्रीय चुनाव समिति इस पर फैसला कर सकती है। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेता अपने परिजनों तथा रिश्तेदारों की टिकट दिलाने के लिए जुगत लगा रहे हैं। कई वरिष्ठ विधायक टिकट की दौड़ से हटने को तैयार हैं, लेकिन शर्त यह कि उनके बेटे या परिवार में से किसी को टिकट दे दें। लेकिन भाजपा इस दफा रिश्तेदारों को टिकट बांटने से परहेज करना चाहती है। इसका कारण है कि भाजपा राजनीति में वंशवाद को बढ़ावा न देने की नीति पर आगे बढ़ाना चाहती है।

उपचुनाव में रिश्तेदार नहीं कर पाए कमाल
भाजपा द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में विधायकों और पूर्व विधायकों के परिवार तथा रिश्तेदारों को टिकट देने में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने 15 विधानसभा सीटों पर रिश्तेदारों को मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से सिर्फ तीन सीट पर ही वे जीत पाए। उनमें भी एक राजसमंद उपचुनाव की विधानसभा सीट शामिल थी, वहां पर विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद उनकी बेटी दीप्ती माहेश्वरी को टिकट दिया गया था और उन्होंने जीत दर्ज की।

राजे को मिलेगी अहम जिम्मेदारी! 
राजस्थान के चारों दिशाओं में निकली जा रही परिवर्तन यात्रा के आगाज के समय वसुंधरा राजे मौजूद रहीं, लेकिन इसके बाद राजे ने यात्रा से दूरी बना ली। समझा जाता है कि इसके बाद पार्टी ने राजे को अहम जिम्मेदारी देने का मानस बना लिया है। सूत्रों के अनुसार जयपुर में 25 सितम्बर को होने वाली रैली में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच से राजे को अहम जिम्मेदारी देने का ऐलान कर सकते हैं।

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