2021 में मोबाइल ब्रॉडबैंड डेटा में सबसे अधिक वृद्धि
डेटा यूजरों की बढ़ती संख्या और प्रति यूजर उपभोग से इस देश को डिजिटल इंडिया का विजन साकार करने की दिशा में आगे बढऩे में मदद मिल रही है।
भारत को 2025 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में 5जी एक अहम भूमिका अदा कर सकता है।
नई दिल्ली। देश में 2021 में मोबाइल ब्रॉडबैैंड उपभोक्ताओं की संख्या के 34/5 करोड़ से बढ़कर 76/5 करोड़ पर पहुंचने से 4 जी मोबाइल डेटा उपयोग में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और भारत को 2025 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में 5जी एक अहम भूमिका अदा कर सकता है। नोकिया वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड सूचकांक रिपोर्ट 2022 में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में साल दर साल 53 प्रतिशत की वृद्धि दर से भारत विश्व में सबसे अधिक डेटा उपयोग करने वाले देशों में से एक बन गया है। डेटा यूजरों की बढ़ती संख्या और प्रति यूजर उपभोग से इस देश को डिजिटल इंडिया का विजन साकार करने की दिशा में आगे बढऩे में मदद मिल रही है।
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2021 में डेटा ट्रैफिक 31 प्रतिशत तक बढ़ा जिसमें औसत मोबाइल डेटा खपत प्रति यूजर 17 जीबी प्रति माह पहुंच गया। भारत के बढ़ते 4जी नेटवर्क ने 2021 में लगभग सभी मोबाइल ब्रॉडबैंड ट्रैफिक को संभाला। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में 4 करोड़ से अधिक उपभोक्ता जोड़े गए या 4 जी सेवाओं में अपग्रेड किए गए।डिजिटलीकरण के निरंतर बढ़ते रहने से यह संख्या आगे और बढ़ेगी। पहले की तुलना में महानगरों में ट्रैफिक उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
4 जी सामथ्र्य वाले उपकरणों के बढऩे से 4जी उपभोक्ताओं और डेटा की खपत में वृद्धि को बल मिल रहा है। भारत में 2021 में 3 करोड़ 5जी उपकरणों सहित 16 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन की बिक्री दर्ज की गई है जो अबतक की सबसे अधिक बिक्री है। 4 जी सामथ्र्यवाले एक्टिव उपकरण 80 प्रतिशत से अधिक हैं, जबकि 5जी सामथ्र्य वाले उपकरणों की संख्या एक करोड़ का स्तर पार की गई है। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2025 तक यूजर एडाप्शन बढ़कर स्मार्टफोन यूजर आधार के 60-75 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। बड़ी संख्या में लोगों के स्मार्टफोन अपनाने से ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल ब्रॉडबैंड और वीडियो कंटेंट की व्यापक खपत होगी।
रिपोर्ट का अनुमान है कि 5जी सेवाओं से राजस्व पांच वर्षों में 164 प्रतिशत की दर से बढऩे की संभावना है। यह 5जी के वैश्विक उपभोग के मुताबिक है। इस प्रौद्योगिकी के 2030 तक 1 प्रतिशत तक की वैश्विक जीडीपी या राजस्व में एक लाख 30 हजार लाख करोड़ डॉलर का योगदान करने की संभावना है और यह स्वास्थ्य, जनोपयोगी सेवाओं, अगली पीढ़ी के मीडिया एप्लीकेशंस, विनिर्माण और स्मार्टसिटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के अनूठे मामलों से संचालित होगा।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में डिजिटल विज्ञापन बाजार में लघु वीडियो सेगमेंट 20 प्रतिशत योगदान कर सकता है और इसके 2030 के अंत तक 25-30 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। भारतीय जेन जेड प्रतिदिन ऑनलाइन पर औसतन 8 घंटे खर्च करता है। भारत में 90 प्रतिशत इंटरनेट यूजर अपनी स्थानीय भाषा में कंटेंट का उपभोग करना पसंद करता है। भारत में 5 जी उपयोग के मामलों में नवप्रवर्तन, डिजिटलीकरण का दबदबा होगा और मोबाइल ब्रॉडबैंड की पैठ 80 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान है जिसमें औसत उपयोग 40 जीबी हो सकता है।
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