कितनी है दौलत अब सरेआम करनी होगी
विभाग के 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को हर साल देनी होती है जानकारी
कर्मचारियों को 31 तक देनी होगी संपत्ति की जानकारी।
कोटा। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को अब 31 मार्च तक अपनी स्वामित्व वाली अचल संपत्ति की जानकारी राजस्थान सरकार के राज काज पोर्टल पर आईपीआर खंड में दर्ज करानी होगी। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पूर्व में विभाग के कर्मचारियों को अपनी संपूर्ण अचल संपत्ति की जानकारी 31 जनवरी तक आॅनलाइन करनी थी जिसमें कुछ कर्मचारियों द्वारा अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा आॅनलाइन नहीं किया था। जिसके लिए जानकारी आॅनलाइन करने की अवधी बढ़ाई गई है।
राज्य के करीब 4 लाख कर्मचारी कर चुके जानकारी आॅनलाइन
इस साल शिक्षा विभाग के करीब 4 लाख कर्मचारी अपनी अचल संपत्ति की जानकारी आॅनलाइन कर चुके हैं। वहीं पिछले साल विभाग के मात्र 3.5 लाख कर्मचारियों ने ही संपत्ति की जानकारी आॅनलाइन करवाई थी। वहीं कोटा में कार्यरत शिक्षा विभाग के करीब 9 हजार कर्मचारियों में से 8 हजार से अधिक कर्मचारी संपत्ति की जानकारी आॅनलाइन करा चुके हैं। अचल संपत्ति की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की योजना साल 2011 में शुरू की गई थी जहां शुरूआत में अधिकारियों को ही अपनी संपत्ति की जानकारी अपलोड करनी होती थी। जिसे बाद में वर्ष 2018 में सभी कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया गया था।
कोई भी देख सकता है जानकारी
जिला शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली संपत्ति की जानकारी को कार्मिक विभाग व राज काज पोर्टल पर आम नागरिक भी देख सकता है। जहां संबंधित विभाग, कैडर, नाम और वर्ष चयनित कर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की जानकारी देखने के साथ डाउनलोड कर सकते हैं।
विभागों में पारदर्शिता लाना उद्देश्य
इस योजना की शुरूआत विभागों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया था जहां प्रत्येक कर्मचारी की संपत्ति की जानकारी सरकार को रहे। जिला शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि इस योजना से विभागों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा कितने समय में कितनी संपत्ति अर्जित की जा रही है, इसकी निगरानी की जा सके। इसी क्रम में साल 2018 में आईपीआर को सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया। जहां किसी कर्मचारी द्वारा अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिए जाने पर कर्मचारी को विजीलेंस क्लीयरेंस, पदोन्नित और वेतन वृद्धि से वंचित कर दिया जाता है।
साल 2018 में शामिल किए कर्मचारी
इस योजना की शुरूआत में सभी विभागों के केवल अधिकारियों को ही शामिल किया गया था, जिसमें वे अधिकारी जिनके पास वित्तीय शक्तियां मौजूद नहीं हैं और जिनके पास वित्तीय मौजूद हैं सभी को अपनी संपत्ति का विवरण आॅनलाइन करना था। वहीं योजना में संसोधन करके वर्ष 2018 में इसे सभी कर्मचारियों के लिए भी लागू कर दिया गया। जिसके बाद हर साल प्रत्येक राजकीय अधिकारी और कर्मचारी को अपनी संपत्ति का विवरण आॅनलाइन करना होता है।
अचल संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने का नियम है जिसके अनुसार ही हर साल अपडेट करनी होती है। संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करना पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सहायक होगा।
- रश्मि अग्रवाल, प्रधानाध्यापक, रा.उ.मा.वि. इंद्रा गांधी नगर
सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और लोगों में उसके लिए विश्वास बढ़ाने के लिए ऐसे नियम आवश्यक है। संपत्ति का विवरण देने में किसी को काई आपत्ति नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे सिस्टम में सुधार ही देखने को मिलेगा।
- सुनिता साहु, प्रधानाध्यापक, महात्मा गांधी स्कूल बोरखेड़ा
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