आदर्श रेजीडेंसी समेत तीन हॉस्टल किए सीज

आखिरकार हादसे के बाद ही चेता निगम व पुलिस प्रशासन

आदर्श रेजीडेंसी समेत तीन हॉस्टल किए सीज

नवज्योति पूर्व में ही चेता चुका था।

कोटा। हमेशा की तरह बड़ा हादसा होने के बाद ही प्रशासन की नींद खुलती है। उसी तरह से रविवार को हॉस्टल में आग लगने के बाद ही निगम का फायर अनुभाग व प्रशासन चेता और नोटिस के बाद भी फायर सिस्टम नहीं लगाने वाले हॉस्टलों को सीज करने की कार्रवाई शुरू की।   लक्ष्मण विहार प्रथम स्थित आदर्श रेजीडेंसी में आग लगने के बाद हॉस्टल में रहने वाले एलन कोचिंग के सभी 61 कोचिंग स्टूडेंट को अन्य हॉस्टलों में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही रेजीडेंसी समेत दो अन्य हॉस्टल को भी सीज कर दिया। सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि  हॉस्टल में अवैध रूप से ट्रांसफार्मर रखा हुआ था।  जिसमें शॉर्ट सर्किट से आग लगी। हॉस्टल में आग से सुरक्षा का कोई  फायर सिस्टम भी लगा हुआ नहीं था। संचालक को पूर्व में दो बार नोटिस दिया जा चुका था। लेकिन उसके बाद भी उसके द्वारा फायर सिस्टम नहीं लगाया गया। रविवार को हॉस्टल में आग लगने पर जिला कलक्टर के निर्देश पर हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्रों को  आस-पास के अन्य हॉस्टलों में शिफ्ट कर दिया। साथ ही  नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त अनुराग भार्गव के आदेश से आदर्श रेजीडेंसी को सीज कर दिया।  

लैंड मार्क के दो हॉस्टल भी किए सीज
सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि बिना फायर सिस्टम व बिना फायर एनओसी वाले हॉस्टलों को पूर्व में कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं। उसके बाद भी वहां व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर जिला कलक्टर के निर्देश पर लैंड मार्क सिटी स्थित ज्ञानदीप और पारस जीवनदीप हॉस्टल के कार्यालय व मैस को सीज किया गया। इस दौरान नगर निगम कोटा उत्तर के अग्निशमन अधिकारी अजहर खान व अमजद खान और सहायक अग्निशमन अधिकारी सीता चौबदार भी मौजूद थे।

5 मंजिला हॉस्टल, 75 कमरे
पुलिस उप अधीक्षक राजेश सोनी ने बताया कि हॉस्टल का मालिक नरेश धाकड़ है उन्होंने हितैष जैन को हॉस्टल लीज पर दिया हुआ था। हॉस्टल 5 मंजिला बना हुआ है। उसके हर मंजिल पर 15 कमरे हैं। कुल 75 कमरों में से 61 कमरों में एलन कोचिंग के नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट रह रहे थे। 14 कमरे खाली हैं। हॉस्टल में फायर सिस्टम नहीं होने से उसे सीज किया गया है। साथ ही हॉस्टल संचालक व मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। 

बिना फायर सिस्टम चल रहे हॉस्टल
शहर में बिना फायर सिस्टम के बड़ी संख्या में हॉस्टल व व्यवसायिक मल्टीस्टोरी और आवासीय इमारते हैं। जिनमें हजारों कोचिंग स्टूडेंट व परिवार रह रहे हैं। नगर निगम की ओर से जांच करने के बाद उनमें कमियां पाए जाने पर निगम के फायर अनुभाग की ओर से उन्हें हर बार नोटिस देकर इतिश्री कर ली जाती है। इस संबंध में दैनिक नवज्योति समय-समय पर चेताता रहा है। हाल ही में  9 अप्रैल को पेज 5 पर ‘हर गली मोहल्ले में ट्रांसफार्मर के नीचे बैठा काल’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें ट्रांसफार्मर के आस-पास आग के खतरे को बताया था। उसके बाद 13 अप्रैल को पेज 3 पर ‘नोटिस की तीली से बुझा रहे बारूद का ढेर’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें निगम के फायर अनुभाग द्वारा बार-बार नोटिस देकर इतिश्री करने के बारे में जानकारी दी गई थी। इस तरह समय-समय पर चेताने के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिसका नतीजा रविवार को 61 बच्चों की जान  जोखिम में डालने वाला हादसा हुआ। गनीमत रही कि कोई जन हानि नहीं हुई। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।  

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