एक साल में जितने हॉस्टल सीज किए उतने तीन दिन में कर दिए

नोटिसों के बाद भी सुधार नहीं होने पर उठाए सख्त कदम : लैंड मार्क में तीन और हॉस्टलों के ऑफिस व मैस सीज

एक साल में जितने हॉस्टल सीज किए उतने तीन दिन में कर दिए

हॉस्टल में आग लगने के बाद मुस्तैद हुआ निगम का फायर अनुभाग।

कोटा। कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लक्ष्मण विहार प्रथम स्थित आदर्श रेजीडेंसी में आग लगने की घटना के बाद हरकत में आए निगम के फायर अनुभाग ने उस हॉस्टल को तो सीज किया ही उसके साथ ही उसी दिन दो अन्य हॉस्टल भी सीज कर दिए थे। वहीं तीसरे दिन मंगलवार को लैंड मार्क सिटी के तीन और हॉस्टलों के ऑफिस व मैस को सीज किया गया। निगम की फायर टीम ने एक साल में जितने हॉस्टल सीज किए उतने तो तीन दिन में कर दिए। आदर्श रेजीडेंसी में रविवार सुबह ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। जिससे उस हॉस्टल में रहने वाले 61 कोचिंग स्टूडेंट का जीवन संकट में पड़ गया था। उसके बाद मौके पर पहुंचे  जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक ने हॉस्टल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हॉस्टल को सीज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगर निगम के आयुक्त के निर्देश पर निगम की फायर टीम ने उस हॉस्टल को सीज कर दिया था और स्टूडेंट को आस-पास के तीन अन्य हॉस्टलों में शिफ्ट कर दिया था। 

लैंड मार्क के तीन हॉस्टल की मैस व आॅफिस सीज
नगर निगम कोटा उत्तर के फायर अनुभाग ने मंगलवार को कुन्हाड़ी के लैंडमार्क स्थित तीन हॉस्टल की मैस व आॅफिस को सीज किया है। नगर निगम कोटा उत्तर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि लैंड मार्क के एफ ब्लॉक में बीएल रेजीडेंसी, ज्ञानश्रम हॉस्टल व आन्या हॉस्टल में फायर सिस्टम नहीं होने व फायर एनओसी नहीं होने पर उन्हें पूर्व में नोटिस दिए गए थे। लेकिन उसके बाद में उनमें न तो फायर सिस्टम लगा और न ही एनओसी ली गई। इस पर तीनों हॉस्टलों की मैस व आॅफिस सीज किए गए। 

यह भवन सुरक्षित नहीं
सीएफओ व्यास ने बताया कि किसी हॉस्टल में 42, किसी में 45 और किसी में 62 कोचिंग स्टूडेंट हैं। ऐसे में पूरे हॉस्टल सीज नहीं कर सकते। लेकिन उनकी मैस व आॅफिस सीज कर दिए। जिससे बच्चों के आने-जाने में कोई परेशानी नहीं हो। साथ ही उनके खाने की व्यवस्था आस-पास की मैस में की गई है।  व्यास ने बताया कि हॉस्टल में चस्पा नोटिस में लिखा गया है कि ये भवन अग्निशमन की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है। एक माह के भीतर फायर सिस्टम लगवाकर व एनओसी लेने की व्यवस्था करें। 

एक साल में 6 हॉस्टल किए सीज
इधर नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण के फायर अनुभाग की ओर से दोनों निगम क्षेत्रों में फायर सिस्टम व एनओसी नहीं होने पर करीब 2300 भवन मालिकों को नोटिस जारी किए हुए हैं। जिनमें से 90 फीसदी हॉस्टल हैं। सीएफओ व्यास ने बतॉाया कि करीब एक साल के भीतर कोटा उत्तर व दक्षिण में आधा दर्जन हॉस्टलों को सीज किया गया है। जिनमें दिसम्बर में लैंड मार्क में और उसके बाद जवाहर नगर में सीज किया था। उससे पहले भी 4 से 5 हॉस्टल सीज किए जा चुके हैं।  गौरतलब है कि निगम द्वारा एक साल में करीब आधा दर्जन हॉस्टल सीज किए थे वहीं अब तीन दिन में आधा दर्जन हॉस्टल सीज किए जा चुके हैं। जानकारों के अनुसार यदि निगम व जिला  प्रशासन शुरुआत से ही ऐसी सख्ती करे तो अब तक काफी सुधार हो जाता। 

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आपातकालीन सीढ़ियां व निकास आवश्यक
सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि हॉस्टल में आग लगने के दौरान बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में हॉस्टल एसोसिएशन व कोचिंग संचालकों के साथ बात की गई है। जिसमें सभी हॉस्टलों में आपातकालीन सीढ़ियां, प्रवेश व निकास की अलग-अलग व्यवस्था और अलार्म सिस्टम लगाना आवश्यक कर दिया गया। जिससे आग लगने की घटना होने पर वहां रहने वालों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। 

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सख्ती का डर, एनओसी के लिए फाइलों का ढेर
सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि तीन दिन पहले हॉस्टल में आग लगने के बाद जैसे ही  तीन हॉस्टल सीज किए। उसके बाद हॉस्टल संचालकों में इतना डर बैठ गया कि कोटा उत्तर व दक्षिण में फायर एनओसी के लिए फाइलों का ढेर लग गया। जो हॉस्टल मालिक व संचालक नोटिसों को हल्के में ले रहे थे उन्हें हॉस्टल सीज होने का डर बैठ गया कि अब वे एनओसी के लिए आवेदन करने लगे हैं।  उन्होंने बताया कि एनओसी के लिए यूडी टैक्स जमा होना आवश्यक है। आवेदन के साथ यूडी टैक्स की रसीद लगी होनी चाहिए। ऐसे में अब  संचालक यूडी टैक्स भी जमा करवाने लगे  हैं। 

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बच्चे सुरक्षित रहें, दोबारा न हो ऐसी घटना
शहर में सैकड़ों की संख्या में हॉस्टल हैं जिनमें देशभर के हजारों कोचिंग स्टूडेंट रह रहे हैं। फायर टीम व जिला प्रशासन का मकसद है कि हॉस्टलों में फायर सिस्टम लगा हो जिससे बच्चे सुरक्षित रह सके। साथ ही सख्ती का कारण है कि दोबारा आग लगने जैसी कोई घटना न हो। यदि घटना होती भी है तो हॉस्टल के सिस्टम से आग पर तुरंत काबू पाया जा सके। जिससे किसी बच्चे को कोई परेशानी नहीं हो। 
- राकेश व्यास, सीएफओ नगर निगम कोटा उत्तर दक्षिण

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