टाइगर सफारी: बन रहे मल्टीपल सफारी ट्रैक
प्रवेश द्वार को दिया जा रहा आकर्षक लुक
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित लॉयन सफारी, आमेर महल और हाथीगांव में संचालित हाथी सवारी एवं झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में बघेरों की साइटिंग एक रोमांचकारी अनुभव कराती है
जयपुर। गुलाबी नगरी आने पर पर्यटकों को यहां की कला-संस्कृति, खान-पान, ऐतिहासिक इमारतों की सुंदरता देखने को मिलती है। अब इन्हें वाइल्ड लाइफ से संबंधित एक्टिविटीज में भी रूचि लेते हुए देखा जा सकता है। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित लॉयन सफारी, आमेर महल और हाथीगांव में संचालित हाथी सवारी एवं झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में बघेरों की साइटिंग एक रोमांचकारी अनुभव कराती है। इसके तहत अब जयपुर में पर्यटकों को जल्द ही टाइगर सफारी की सौगात मिलेगी। वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसका कार्य अंतिम चरण में है। आचार सहिंता हटने के बाद इसे शुरू करने की कवायद की जाएगी।
32 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बन रही सफारी
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित टाइगर सफारी तकरीबन 32 हैक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र में बनाई जा रही है। यहां बाघों के लिए 10 रेस्टिंग शेल्टर बनाए गए हैं। आठ की शेप में सफारी के लिए मल्टीपल ट्रैक बनाए जा रहे हैं। बीच-बीच में इन्हें आकर्षक लुक दिया जा रहा है। बाघों के लिए यहां 3 कच्ची और 2 पक्की तलाई भी बनाई है। यहां के प्रवेश द्वार को आकर्षक लुक दिया जाएगा। यहां बाघों की मूर्ति भी लगाई जा सकती है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि लेपर्ड, हाथी, लॉयन सफारी के बाद पर्यटकों के लिए टाइगर सफारी एक नया आकर्षण का केन्द्र होगा।
लॉयन सफारी, झालाना और आमागढ़ लेपर्ड सफारी के ये हैं आकडे
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित लॉयन सफारी में पर्यटकों की उपस्थिति की बात करें तो यहां दिसम्बर, 2018 से 21 जनवरी, 2024 तक 84,330 पर्यटकों ने शेरों के दीदार किए हैं। वहीं साल 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक) में 44,557 पर्यटकों ने झालाना लेपर्ड रिजर्व में सफारी का लुत्फ उठाया। आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में साल 2023-24 में 12 हजार से अधिक पर्यटकों ने सफारी के दौरान वन्यजीवों को निहारा।
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