निष्क्रिय कांग्रेस पदाधिकारियों पर परिणाम के बाद गिरेगी गाज

पदाधिकारियों की सूची बनाना शुरू कर दिया है

चुनाव के समय शिकायतों पर नाराजगी बढ़ने के डर से कार्रवाई नहीं की गई थी। अब शिकायतों वाले सभी कांग्रेस नेताओं की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

जयपुर। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की स्थानीय नेताओं और संगठन पदाधिकारियों की ओर से सहयोग नहीं करने की शिकायतों के बाद प्रदेश कांग्रेस ने निष्क्रिय रहे पदाधिकारियों की सूची बनाना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद इन पदाधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी होंगे। संतोषप्रद जबाव नहीं देने पर संगठन के पदों से भी हटाया जाएगा। प्रत्याशियों के माध्यम से पहले और दूसरे फेज में कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की पार्टी के पक्ष में प्रचार नहीं करने की शिकायतें पार्टी को मिली हैं। कई नेताओं, विधायकों के अलावा संगठन के पदाधिकारियों को लेकर सबूत सहित शिकायतों का फिलहाल आंकलन किया जा रहा है। चुनाव के समय शिकायतों पर नाराजगी बढ़ने के डर से कार्रवाई नहीं की गई थी। अब शिकायतों वाले सभी कांग्रेस नेताओं की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कुछ को नोटिस देने की कार्रवाई शुरू हो गई है और कुछ को परिणामों के बाद नोटिस देकर जबाव मांगा जाएगा।

संगठन स्तर पर होगा फेरबदल, सक्रियता दिखाने वालों का बढ़ेगा कद
पीसीसी को बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, राजसमंद,  बांसवाड़ा, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर, गंगानगर आदि सीटों पर अधिक शिकायतें मिली। ये शिकायतें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के पास पहुंची थी। ऐसी करीब सौ शिकायतें हैं। वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की शिकायतों पर अनुशासन समिति की बैठक में चर्चा कर फैसला लिया जाएगा। जिलों में संगठन पदाधिकारियों की शिकायतों पर सबूतों को आधार बनाकर नोटिस दिया जाएगा। संतोषप्रद जबाव नहीं देने पर संगठन से निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी। इनकी जगह चुनाव में सक्रियता दिखाने वाले नए चेहरों को मौका मिल सकता है। 

चुनावों में नाराजगी से था नुकसान का डर
शिकायतें दोनों फेज में लगातार मिल रही थी। प्रत्याशियों ने सबूत भी पीसीसी को भेजे थे। सबूतों के बाद हाल ही में पूर्व विधायक अमीन खान और पूर्व पीसीस सचिव बालेन्दु शेखावत के खिलाफ निष्कासन और विधायक गणेश घोगरा को नोटिस की कार्रवाई की थी। चुनावों के दौरान कई नेताओं पर कार्रवाई इसलिए नहीं की, क्योंकि चुनावों में नाराजगी और भीतरघात का डर बना हुआ था।

Tags: Congress

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