FSL ने जली हुई हड्डियों और आरोपियों के कपड़ों से डीएनए मिलान कर बताया रेप के बाद की थी हत्या
आरोपियों को फांसी की सजा में एफएसएल की रिपोर्ट बनी अहम साक्ष्य, निदेशक समेत 4 अधिकारियों की टीम ने क्राइम सीन किया था रीक्रिएट
एफएसएल ने रेयर ऑफ द रेयरिस्ट साक्ष्य की जांच कर दी रिपोर्ट
जयपुर। भीलवाड़ा के बहुचर्चित कोटड़ी भट्टी कांड मामले में मुख्य दो आरोपी कालू और कान्हा को फांसी की सजा दिलाने में एफएसएल की चार सबूतों की रिपोर्ट अहम किरदार बनी है। मौके से कठिन साक्ष्यों को जुटाकर जांच के बाद तैयार की गई रिपोर्ट से तय हुआ आरोपियों ने किस दरिंदगी से नाबालिग को मौत के घाट उतारा था। इस केस के लिए सरकार ने एफएसएल निदेशक डॉ. अजय शर्मा के नेतृत्व में चार बड़े अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई। इस टीम ने क्राइम सीन रीक्रिएट किया और जुटाए साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की।
लापता नाबालिग मृतका के बारे में कैसे पता लगाया किसकी बेटी है?
एफएसएल ने भट्टी से निकाली लाश की जली हुई हड्डियों से डीएनए सैम्पल लिए। इसके बाद लापता किशोरी की मां और पिता के डीएनए सैम्पल लेकर जांच की तो इन सभी के डीएनए मैच कर गए। इससे साबित हुआ कि लापता किशोरी को ही भट्टी में डालकर जलाया था।
जली हुई हड्डियों से रेप कैसे साबित किया?
एफएसएल ने जली हुई हड्डियों से डीएनए प्रोफाइल निकाली थी। इसके बाद आरोपियों के कपड़ों से डीएएन लिया गया। इसके अलावा आरोपियों के प्यूबिक एरिया (यूरेथल स्वाब) लिया गया। पीड़िता के गुप्तांग का स्त्राव आरोपियों के अंडरगारमेंट पर मिला। इन सबकी जांच से प्रूव हुआ कि आरोपियों ने नाबालिग के साथ रेप किया था।
पीड़िता की मौत कैसे हुई?
आरोपी कालू और कान्हा ने नाबालिग को मरा हुआ समझकर भट्टी में डालकर जला दिया था। एफएसएल की जांच में नाबालिग मृतका के फेंफड़ों में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मौजूदगी मिली। फेंफड़ों में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मौजूदगी से तय होता है कि जिंदा जलाया गया था।
नाबालिग को जलाया कैसे?
पुलिस को मौके से लकड़ियां काटने की मशीन मिली। वह मशीन तेल से चलाई जाती है। पुलिस के जब्त पीपे से तेल के सैम्पल लिए। इसके अलावा भट्टी में रखे कोयलों से तेल के सैम्पल जुटाए। इन दोनों सैम्पल की जांच की तो पता चला कि दोनों सैम्पल एक ही हैं। इस तरह खुलासा हुआ कि इसी तेल को डालकर नाबालिग को जलाया था।
विशेष टीम का किया गठन रीक्रिएट था किया सीन
नाबालिग का रेप कर भट्टी में जलाकर हत्या करने के मामले में सरकार की ओर से एफएसएल निदेशक डॉ. अजय शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम में डॉ. राजेश सिंह उप निदेशक, डॉ. राकेश रोशन शर्मा सहायक निदेशक अजमेर और राजवीर अतिरिक्त निदेशक अजमेर को शामिल किया। इन सभी ने पूरी घटना का सीन रीक्रिएट किया और साक्ष्य जुटाए।
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